राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है, सुप्रीम कोर्ट ने ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में दर्ज एफआईआर रद्द करने और ट्रायल पर रोक लगाने की लालू यादव की याचिका खारिज कर दी है।
शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी, क्योंकि यह याचिका पहले से ही हाई कोर्ट में लंबित है, साथ ही कोर्ट ने कहा कि ट्रायल की कार्यवाही पर कोई स्टे नहीं दिया जाएगा और मुकदमे की सुनवाई सामान्य रूप से जारी रहेगी।

कोर्ट का निर्देश
हालांकि, कोर्ट ने यह जरूर निर्देश दिया कि पटना हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई को तेजी से पूरा करे इसके अलावा, लालू यादव की उम्र और सार्वजनिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट ने उन्हें ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट भी दे दी है।
क्या बोले कपिल सिब्बल?
सुनवाई के दौरान लालू यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि यह मामला बेहद चौंकाने वाला है, उन्होंने कहा कि “लालू यादव 2002 से मंत्री रहे, लेकिन सीबीआई ने इस केस की जांच 2014 में शुरू की अब तक उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं ली गई है, जबकि अन्य सभी अभियुक्तों के लिए यह मिल चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में लालू यादव के खिलाफ ट्रायल अब तेज गति से आगे बढ़ेगा, और इसमें किसी प्रकार की न्यायिक रोक नहीं होगी।
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