PM मोदी के खिलाफ, ‘मोदी मिमिक’ श्याम रंगीला लड़ेंगे वाराणसी से चुनाव

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चित्र : कॉमेडियन, श्याम रंगीला।

जयपुर। टेलीविजन शो में आने का सपना ‘टूटने’ और कॉमेडी की दुनिया में ‘राजनीति में प्रवेश’ के साथ, कॉमेडियन श्याम रंगीला अब अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

राजस्थान के 29 वर्षीय इस युवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल करके अपना नाम बनाया है और उन्होंने घोषणा की है कि वे वाराणसी से प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह चुनाव केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि लोकतंत्र जीवित रहे। वे पूरे दिल से चुनाव लड़ेंगे और जल्द नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए वाराणसी पहुंचेंगे।

कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद इन निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी उम्मीदवारों को मिली जीत का जिक्र करते हुए वे कहते हैं कि हम कम से कम ये कहने के लिए वहां खड़े हुए होंगे कि हम यहां लोकतंत्र के खतरे में नहीं आने देंगे, लोगों को वोट के लिए यहां ऑप्शन मिलेगा। भले ही सभी लोग अपना नामांकन पत्र वापस ले लें (वाराणसी में), मेरा नामांकन पत्र तब भी वहां रहेगा।

उन्होंने कहा कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आदि की चिंता नहीं है। अगर मेरे खातों की जांच की जाए, तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा… मैं असली फकीर हूं, जो झोला उठा कर चल देंगे जी। बता दें कि पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 के भाषण में खुद को फकीर बताया था।

रंगीला कहते हैं कि वे मोदी के कट्टर प्रशंसक थे। वे कहते हैं, मैं 2016-17 तक भी उनका भक्त था, लेकिन उसके बाद मुझ पर प्रतिबंध लगा दिए गए। उनका दावा है कि उन्हें वह काम करने की अनुमति नहीं दी गई जो वे करना चाहते थे। वे कहते हैं कि मुझे टीवी शो से प्रस्ताव मिलते थे, लेकिन जब मैं वहां पहुंचता तो पता चलता कि मेरे अभिनय या स्क्रिप्ट को मंजूरी नहीं दी जा रही है और मुझे एक के बाद एक शो से निकाल दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जब ऐसा बार-बार होता है, तो आपको एहसास होता है कि कॉमेडी में भी राजनीति है। जब लोग राजनीति के नाम पर कॉमेडी कर रहे हैं, तो मैं कॉमेडी के जरिए राजनीति करूंगा। ताकि लोगों को एहसास हो कि मैं सिर्फ खोखले वादे नहीं कर रहा हूं।

बता दें कि साल 2022 में रंगीला ने पहली बार राजनीति में हाथ आजमाया और आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन राजस्थान में यह पार्टी नाकाम हो गई। उनका कहना है कि एक निर्दलीय के तौर पर वह अपने खुद के मालिक हैं। उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया क्योंकि पूरे देश की नज़रें वहां टिकी हुई हैं। वहां मोदी जी और उन्हें चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई माहौल नहीं है।

यह पूछने पर कि लोग उन्हें वोट क्यों देंगे, रंगीला कहते हैं कि अगर लोग मोदी जी के प्रति आकर्षित हो सकते हैं, तो वे उन्हें भी वोट दे सकते हैं।

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