चित्र : अभिनेत्री नोरा फतेही।
नोरा फतेही अपनी हालिया फिल्म मडगांव एक्सप्रेस की सफलता का के उठा रही हैं। यह बात उन्होंने मैशेबल इंडिया के साथ द बॉम्बे जर्नी के नए एपिसोड में कही। बातचीत के दौरान, नोरा ने बताया कि मुंबई में कैसे वह नौ लड़कियों के साथ एक अपार्टमेंट में रहती थीं और पूरे अनुभव को ‘दर्दनाक’ बताया।
नोरा ने क्या-क्या कहा…
- मैं केवल 5,000 रुपए लेकर भारत आई थी।
- मैं 3-BHK अपार्टमेंट में 9 मनोरोगियों के साथ रहती थी, जहां हर कोई शेयरिंग कर रहा था।
- मैं सोचती थी, ‘मैंने खुद को किस मुसीबत में डाल लिया है?’
- मैं इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। मैं अभी भी सदमे में हूं।
एजेसियां करती हैं शोषण
जब उनसे पूछा गया कि वह किराया कैसे चुकाती हैं, तो उन्होंने कहा, ‘पहले जो होता था वह यह था कि एजेंसी आपसे पैसे लेती थी। वे आपकी जेब खर्च में से पैसे काटते थे, उससे किराया देते थे, अपना कमीशन काटते थे, आप जो हवा सांस के रूप में लेते हैं, उसमें से पैसे काटते थे और फिर आपको जो रह गया (जो कुछ भी बचता है) देते थे, वह कुछ भी नहीं होता था। इसलिए हम हर दिन एक अंडा, ब्रेड और दूध पर जिंदा थे।
यह वाकई बहुत बुरा था। इनमें से कुछ एजेंसियां लोगों का बहुत बुरी तरह से शोषण करती हैं। हमारे पास इन चीजों के लिए कोई कानून और नियम नहीं हैं। मैं सच में कहूं तो मुझे उस समय के लिए थेरेपी की ज़रूरत थी। वह बहुत मुश्किल समय था।
बता दें कि नोरा ने फिल्म ‘रोर: टाइगर्स ऑफ द सुंदरबन्स’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह तेलुगु फिल्मों का हिस्सा रही हैं और उन्होंने कुछ आइटम नंबर भी किए हैं। नोरा को आखिरी बार मडगांव एक्सप्रेस में देखा गया था, जो कुणाल खेमू की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। इसमें दिव्येंदु, प्रतीक गांधी और अविनाश तिवारी भी हैं। इसे रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर ने प्रोड्यूस किया है।