कानपुर देहात :- जिले से श्रमिक शोषण का एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक फैक्ट्री मालिक पर वर्षों तक मजदूरों से बिना वेतन काम कराने और वेतन मांगने पर उनके साथ मारपीट कर फैक्ट्री से बाहर निकालने का आरोप लगा है। भले ही आज वह फैक्ट्री बंद हो चुकी हो, लेकिन बीते नौ वर्षों से गरीब श्रमिक अपनी मेहनत की कमाई पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अब एक बार फिर जिलाधिकारी की चौखट पर न्याय की गुहार लगाने पहुंचे हैं।
पीड़ित श्रमिकों का आरोप है कि रनिया क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी अग्रवाल की गत्ता फैक्ट्री में उन्होंने सालों तक काम किया, लेकिन उन्हें नियमित वेतन नहीं दिया गया। मजदूरों का कहना है कि जब भी वे वेतन की मांग करते थे, तो फैक्ट्री मालिक नुकसान का हवाला देकर टालमटोल करते रहे और कभी-कभार जरूरत पड़ने पर कुछ रुपये थमा दिए जाते थे। लंबे समय तक मेहनत कराने के बावजूद पूरा वेतन न मिलने से मजदूर आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुके हैं।
श्रमिकों ने बताया कि जब उन्होंने एकजुट होकर अपने बकाया वेतन की मांग की तो फैक्ट्री मालिकों ने उनके साथ मारपीट की और जबरन फैक्ट्री से निकाल दिया। इसके बाद फैक्ट्री बंद हो गई, लेकिन मजदूरों का बकाया वेतन आज तक नहीं मिला। अब आरोप है कि रानियां क्षेत्र में एक अन्य जमीन पर फिर से फैक्ट्री का काम शुरू किया जा रहा है, जबकि उस जमीन का एक हिस्सा अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है।
मजदूरों का कहना है कि उन्होंने दोबारा अपने बकाया वेतन की मांग की, लेकिन फैक्ट्री मालिक ने साफ इनकार कर दिया। इसके बाद मजबूर होकर वे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और पूरे मामले की लिखित शिकायत सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। श्रमिकों ने प्रशासन से अपील की है कि उनके साथ हुए अन्याय की जांच कराई जाए और वर्षों से रुके उनके मेहनत के पैसे दिलाए जाएं।
एक ओर जहां प्रदेश सरकार श्रमिकों के हित में योजनाएं चलाने और उन्हें सशक्त बनाने की बात करती है, वहीं यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई करता है और पीड़ित मजदूरों को कब तक न्याय मिल पाता है।



