यूपी की सियासत में इन दिनों सत्ता और विपक्ष के बीच सोशल मीडिया पर खूब तकरार छिड़ी हुई है और इस बार इस बहस के केंद्र में Samajwadi Party के मुख्य Akhilesh Yadav और सूबे के उपमुख्यमंत्री Keshav Prasad Maurya हैं।
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कौशांबी जिले की बहुचर्चित घटना रामबाबू तिवारी आत्महत्या कांड और भूप नारायण पाल के मामले को लेकर Akhilesh Yadav और Keshav Prasad अब आमने-सामने हैं। भाजपा की अंदरूनी राजनीति की शर्मनाक लड़ाई में, अब कौशांबी में दो भाजपाई उप मुख्यमंत्री, दो समाज के लोगों को आपस में लड़वा रहे हैं। पहले एक उप मुख्यमंत्री ने नाइंसाफी करते हुए ‘पाल’ समाज के लोगों को मोहरा बनाया, फिर दूसरे उप मुख्यमंत्री ने अपने उस समाज के नाम पर झूठी सहानुभूति दिखाई, जो समाज इन दोनों के ‘ऊपरवालों’ को नहीं भाता है।

Akhilesh Yadav पर पलटवार करते हुए Keshav Prasad Maurya ने भी अपने X अकाउंट से एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि हमारे लिए न कोई अगड़ा है, न पिछड़ा, न दलित — जो कानून तोड़ेगा, उसे सजा मिलेगी, चाहे वो कोई भी हो। अगर पुलिस भी गलती करती है, तो उस पर भी कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को न्याय और सुशासन देना हमारा संकल्प है— इसके लिए जातिवादी मानसिकता से ऊपर उठना ज़रूरी है।