उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के महुआखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव असदपुर कयाम में उस समय हड़कंप मच गया जब नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची। सरकारी जमीन से कब्जा हटाने पहुंची टीम को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध इतना बढ़ गया कि महिलाओं ने जेसीबी मशीन के आगे लेटकर कार्रवाई रुकवा दी। बढ़ते तनाव को देखते हुए नगर निगम की टीम को बीच में ही कार्रवाई रोककर वापस लौटना पड़ा।
एसडीएम की गाड़ी को रोक किया पथराव
इसी दौरान मौके से गुजर रहे अतरौली एसडीएम सुमित सिंह की गाड़ी को ग्रामीणों ने रोक लिया और अचानक पथराव कर दिया। पथराव इतना तेज था कि गाड़ी के शीशे टूट गए और एसडीएम को गाड़ी छोड़कर भागना पड़ा। बताया जा रहा है कि एसडीएम करीब एक किलोमीटर तक पैदल भागकर महुआखेड़ा थाना पहुंचे और वहां अपनी जान बचाई। हमले में उनका चालक और गनर घायल हो गए।
आठ लोगों के खिलाफ नामजद
घटना की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और ग्रामीणों को तितर-बितर किया। देर रात एसएसपी नीरज कुमार जादौन, एडीएम और अन्य अधिकारी भी घटनास्थल पहुंचे और हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि आठ लोगों के खिलाफ नामजद और लगभग 25 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
कार्रवाई से ग्रामीणों ने किया जमकर विरोध
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, गांव कयामपुर की गाटा संख्या 328 की करीब 1730 मीटर भूमि पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था। इसी कब्जे को हटाने के लिए बुधवार की शाम एसडीएम कोल महिमा राजपूत और नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह के नेतृत्व में टीम मौके पर गई थी। टीम ने कार्रवाई शुरू की तो ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया।
सुमित सिंह से बातचीत
अतरौली एसडीएम सुमित सिंह ने बताया कि वे घटना के समय वहां से गुजर रहे थे, लेकिन ग्रामीणों को लगा कि अधिकारी दोबारा अतिक्रमण हटाने आए हैं। इसी गलतफहमी में भीड़ ने हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से अफसरों में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस बल तैनात
फिलहाल इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और माहौल शांत बताया जा रहा है। अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी तरह की दोबारा हिंसा या गड़बड़ी न हो। प्रशासन ने साफ कहा है कि सरकारी जमीन पर कब्जा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


