Gujrat के Ahemdabad में हुए Air India के भयानक Plane Crash ने देश को हिला कर रख दिया है। ये सिर्फ़ एक Plane Crash नहीं था, ये सैकड़ों घरों में पसरे मातम की आवाज़ थी, हर उस मां की चीख थी जिसने अपना लाल खोया, हर उस बच्चे की खामोशी थी, जिसने पिता को जाते देखा पर लौटते नहीं देखा एक ऐसी उड़ान, जो कभी वापस नहीं आई…

उस उड़ान में बैठे हर मुसाफिर की याद, हमेशा हमारे दिलों में ज़िंदा रहेगी भारतीय इतिहास के सबसे बड़े विमानन दुर्घटनाओं में से एक मानी जा रही इस दुर्घटना ने हर किसी को गमगीन कर दिया, इस विमान में 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और दो पायलट सवार थे। मंजर इतना भयावह है कि हर किसी का दिल दहल गया लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट अहमदाबाद से उड़ाने भरने के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गई। ऐसे में विमान में सवार हर व्यक्ति की अलग-अलग कहानियां सामने आ रही हैं।
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Payal Khatik की पहली हवाई यात्रा बनी आखरी
Payal Khatik नाम की एक लड़की की भी इस विमान दुर्घटना में मौत हुई है। पायल की यह पहली हवाई यात्रा थी, लेकिन यह उनकी जिंदगी की आखिरी यात्रा बन गई, उनके पिता सुरेशभाई खटीक हिम्मतनगर में लोडिंग रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों में अपनी बेटी को पढ़ाया और एक अच्छी नौकरी तक पहुंचाया, सुरेशभाई ने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस बेटी को उन्होंने संघर्षों के बीच पाला, वह इस तरह अचानक उन्हें छोड़कर चली जाएगी, पायल की मौत की खबर जब खटीक परिवार तक पहुंची तो घर में कोहराम मच गया, मां बेसुध हो गईं और पिता सुरेशभाई फूट-फूटकर रोने लगे, उनके अनुसार बेटी ने कहा था कि पापा चिंता मत करना, मैं बहुत संभलकर जाऊंगी, पहली बार फ्लाइट में बैठ रही हूं, लेकिन सब ठीक रहेगा, पायल खटीक की कहानी उन हजारों सपनों की प्रतीक बन गई है, जो एक झटके में मलबे के नीचे दब गए, एक पिता ने अपनी बेटी को उड़ान भरने के लिए पंख दिए थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें ऐसा जख्म दिया जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।