चचेरे भाई-बहन की प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत, शादी के ठीक 22 दिन बाद उसी पेड़ से लटके मिले दोनों शव जहां लिए थे सात फेरे

सीतापुर जिले के हरगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत अनिया कलां गांव में रविवार सुबह एक हृदय विदारक और चौंकाने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। महामाई मंदिर के पास एक पेड़ पर नवविवाहित दंपति खुशीराम (22) और मोहिनी (19) के शव एक ही रस्सी से बने दो फंदों पर लटकते मिले। सबसे दुखद बात यह है कि इसी पेड़ के नीचे दोनों ने मात्र 22 दिन पहले, यानी 6 दिसंबर को, सात फेरे लेकर प्रेम विवाह किया था।

खुशीराम और मोहिनी रिश्ते में चचेरे भाई-बहन थे। तीन साल से दोनों के बीच गहरा प्रेम प्रसंग चल रहा था। ग्रामीणों और परिजनों के अनुसार, दोनों करीब तीन वर्ष पहले एक-दूसरे के करीब आए थे। लेकिन पट्टीदार होने के कारण परिवार और समाज से इस रिश्ते को कोई स्वीकार्यता नहीं मिल रही थी। सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए दोनों ने 6 दिसंबर को घर से भागकर महामाई मंदिर पहुंचे और गुपचुप तरीके से वैदिक मंत्रों के साथ शादी रचा ली।

शादी की जानकारी मिलते ही दोनों परिवारों के लोग मंदिर पहुंचे, लेकिन तब तक सारी रस्में पूरी हो चुकी थीं। शुरू में परिजन नाराज थे, लेकिन मजबूरी में उन्होंने इस विवाह को स्वीकार कर लिया। शादी के बाद मोहिनी खुशीराम के घर बस्तीपुरवा में उनके साथ रहने लगी। परिजनों का कहना है कि घर का माहौल सामान्य था। शनिवार रात दोनों ने करीब 8 बजे साथ भोजन किया और सोने चले गए। कोई झगड़ा या तनाव की बात नहीं थी।

रविवार तड़के करीब 5 बजे दोनों घर से बाहर निकले। काफी देर तक वापस न लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की। घर से करीब एक किलोमीटर दूर उसी महामाई मंदिर के पास पेड़ पर दोनों के शव लटकते देख ग्रामीणों ने सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि एक ही रस्सी से दो फंदे बनाए गए थे और दोनों के पैर जमीन को छू रहे थे। पुलिस ने शवों को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

हरगांव थाने के इंस्पेक्टर बलवंत शाही ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। अभी तक परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सटीक कारण स्पष्ट हो सकेंगे। जांच में परिवारिक दबाव, मानसिक तनाव या अन्य कोई वजह सामने आ सकती है।

गांव में इस घटना से मातम पसर गया है। जो रिश्तेदार दूर-दराज से नवदुल्हे-दुल्हन को आशीर्वाद देने आए थे, वे ही अब अंतिम संस्कार में शामिल हुए। दुल्हन मोहिनी के हाथों की मेहंदी अभी पूरी तरह सूखी भी नहीं थी कि घर में कोहराम मच गया। ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं – कोई इसे प्रेम की अंतिम निशानी बता रहा है तो कोई संदिग्ध मान रहा है।

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