देश के 12 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में आज, 4 नवंबर 2025 से विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया 7 फरवरी 2026 तक चलेगी। इस दौरान लगभग 51 करोड़ मतदाताओं की वोटर लिस्ट का सत्यापन किया जाएगा। चुनाव आयोग (ECI) का उद्देश्य है कि वोटर लिस्ट को पूरी तरह अपडेट किया जाए, ताकि कोई पात्र मतदाता छूट न जाए और किसी का नाम दोहराया न हो। इसके साथ ही अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें वोटर लिस्ट से हटाने और योग्य नागरिकों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया भी होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने की SIR की घोषणा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर 2025 को SIR की घोषणा की थी। यह प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी, जिसके दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करेंगे। इससे पहले 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक BLO और रिटर्निंग ऑफिसर्स (RO) को प्रशिक्षण दिया गया और आवश्यक सामग्री वितरित की गई।
किन राज्यों में होगा SIR ?
SIR के तहत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गोवा, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और तीन केंद्र शासित प्रदेशों — अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, और पुडुचेरी — में यह प्रक्रिया चलेगी। वहीं असम में SIR बाद में कराया जाएगा। इनमें से तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए इन राज्यों में पुनरीक्षण का विशेष महत्व है।
घर-घर से नए मतदाता
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, BLO द्वारा घर-घर जाकर किए जाने वाले सत्यापन में नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे, मृत या फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे और गलत प्रविष्टियों को सुधारा जाएगा। इसके बाद 9 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी, जिस पर नागरिक अपने दावे और आपत्तियाँ दर्ज कर सकेंगे। सभी सुधारों और आपत्तियों का निपटारा करने के बाद 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची (Final Voter List) प्रकाशित की जाएगी।
वोटर वेरिफिकेशन के लिए क्या क्या ज़रूरी ?
वोटर वेरिफिकेशन के दौरान BLO को पहचान और पते के प्रमाण के लिए 13 दस्तावेजों में से कोई भी दिखाया जा सकता है। इनमें शामिल हैं — जन्म प्रमाणपत्र, 10वीं की मार्कशीट, पासपोर्ट, सरकारी जमीन या मकान के कागजात, जाति प्रमाणपत्र, मूल निवास प्रमाणपत्र, सरकारी नौकरी आईडी या पेंशन ऑर्डर, परिवार रजिस्टर की प्रति, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और मनरेगा जॉब कार्ड। इस अभियान से चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि देश में पारदर्शी, सटीक और अद्यतन मतदाता सूची तैयार की जा सके, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और अधिक विश्वसनीय बन सके।


