लखनऊ में मंगलवार को मुस्लिम समाज के कुछ संगठनों और लोगों ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन भाजपा कार्यालय के सामने आयोजित किया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर कथित रूप से अत्याचार हो रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पर ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसी के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया।
भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए और वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराए। वक्ताओं ने कहा कि यदि हालात में सुधार नहीं हुआ तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
नोबेल शांति पुरस्कार पर भी उठाए सवाल
प्रदर्शन के दौरान कुछ वक्ताओं ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री को मिले नोबेल शांति पुरस्कार पर भी सवाल उठाए और इसे वापस लिए जाने की मांग की। उनका कहना था कि मौजूदा हालात शांति और मानवाधिकारों के अनुरूप नहीं हैं।
नारेबाजी और प्रतीकात्मक विरोध
प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश विरोधी नारे लगाए गए और प्रतीकात्मक रूप से विरोध दर्ज कराया गया। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त कराया गया। किसी अप्रिय घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
प्रशासन की नजर
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मामले पर प्रशासन नजर बनाए हुए है।




