आईआईटी कानपुर में बीटेक छात्र की आत्महत्या: ‘सॉरी एवरीवन’ लिखकर फंदे से लटका, पहले नस काटने की कोशिश

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में एक बार फिर दुखद घटना सामने आई है। बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के बीटेक छात्र जय सिंह मीणा (26) ने हॉस्टल के अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। राजस्थान के अजमेर निवासी जय सिंह ने पहले अपनी कलाई की नस काटने की कोशिश की और फिर चादर के सहारे फंदा लगाकर जान दे दी।

घटना का विवरण

जय सिंह मीणा आईआईटी कानपुर के हॉस्टल नंबर-2 के कमरा नंबर 148 में रहते थे। वह 2020 बैच के छात्र थे और चार साल का कोर्स पूरा होने के बावजूद अंतिम वर्ष में थे। रविवार रात को घटना हुई, लेकिन सोमवार सुबह परिजनों के बार-बार फोन करने पर भी कॉल न उठने से शक हुआ। परिवार ने उनके दोस्त से संपर्क किया, जो छुट्टी पर घर गया था। इसके बाद अन्य छात्रों ने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांकने पर शव फंदे से लटका दिखा। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। कमरे से एक नोटबुक मिली, जिसमें सुसाइड नोट के रूप में सिर्फ “Sorry Everyone” लिखा था। छात्र की कलाई पर कई कट के निशान मिले, जो नस काटने की असफल कोशिश बताते हैं।

कल्याणपुर एसीपी आशुतोष कुमार ने बताया कि शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजन मंगलवार को कानपुर पहुंचेंगे, तब आगे की कार्रवाई होगी।

अकादमिक दबाव की आशंका

सूत्रों के अनुसार, जय सिंह के कुछ सब्जेक्ट्स में बैक पेपर थे, जिससे प्लेसमेंट में दो बार मौका नहीं मिला। ईयर बैक लगने की आशंका थी, जिससे वे तनाव में थे। आईआईटी प्रशासन ने छात्र की अकादमिक रिपोर्ट तलब की है। डीन प्रो. अशोक डे ने कहा कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

संस्थान की व्यवस्था

आईआईटी प्रशासन का दावा है कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए मजबूत इंतजाम हैं:

  • 9 प्रोफेशनल काउंसलर (मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक)।
  • 24 घंटे हेल्पलाइन।
  • डी-एडिक्शन क्लीनिक।
  • हर 30 छात्रों पर एक फैकल्टी एडवाइजर।

फिर भी लगातार घटनाएं संस्थान की इन व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर रही हैं।

[acf_sponsor]