
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से सामने आया यह मामला इंसानियत को झकझोर देने वाला है। यहां एक सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनकी मानसिक रूप से बीमार बेटी को उनके ही घर में नौकर-नौकरानी ने वर्षों तक कैद कर रखा। पिता की मौत के बाद जब परिजन घर पहुंचे, तो भीतर की हकीकत देखकर सभी सन्न रह गए।
महोबा निवासी ओम प्रकाश सिंह राठौर सीनियर क्लर्क के पद से सेवानिवृत्त हो चुके थे। कुछ वर्ष पहले पत्नी का निधन हो गया था। परिवार में उनकी एकमात्र बेटी रश्मि थी, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ बताई जाती है। पत्नी की मृत्यु के बाद ओम प्रकाश अपनी बेटी के साथ दूसरे मकान में रहने लगे थे। इसी दौरान उन्होंने रामप्रकाश कुशवाहा और उसकी पत्नी रामदेवी को घर पर देखभाल के लिए रखा था।
बताया जा रहा है कि बीते करीब पांच वर्षों से पिता-पुत्री इसी मकान में रह रहे थे, लेकिन इस दौरान उनके साथ क्या हो रहा था, इसकी भनक किसी को नहीं लगी। आरोप है कि नौकर दंपति ने दोनों को घर के अंदर ही सीमित कर दिया और उन्हें पर्याप्त भोजन तक नहीं दिया। पिता-बेटी धीरे-धीरे पूरी तरह नौकरों पर निर्भर होते चले गए।
पिता की मौत की सूचना मिलने पर जब परिजन घर पहुंचे, तो अंदर का दृश्य दिल दहला देने वाला था। रश्मि घर के नीचे एक अंधेरे कमरे में मिली। उसके ऊपर कंबल पड़ा हुआ था और बिस्तर तक नहीं था। कंबल हटाने पर उसकी हालत देखकर लोग सन्न रह गए। युवती बेहद कमजोर थी, शरीर पर मांस न के बराबर था और वह उम्र से कहीं अधिक बुजुर्ग नजर आ रही थी।
परिजनों का आरोप है कि नौकर दंपति घर और पैसों का इस्तेमाल खुद करता रहा, जबकि मालिक और उनकी बेटी को भूखा और कैद रखकर प्रताड़ित किया गया। जब भी रिश्तेदार मिलने आते, उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता था कि घर के लोग किसी से मिलना नहीं चाहते।
मामले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और ओम प्रकाश सिंह राठौर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधीक्षक महोबा वंदना सिंह ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण क्रॉनिक लंग डिजीज पाया गया है। मृतक की पुत्री मानसिक रूप से अस्वस्थ है और वह अत्यंत कमजोर अवस्था में मिली।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि नौकर दंपति पिछले करीब आठ वर्षों से घर में रहकर देखभाल कर रहा था। इसी दौरान मृतक ने मकान से जुड़े कुछ दस्तावेज नौकर की पत्नी के नाम कर दिए थे। पुलिस के अनुसार, मृतक के अन्य परिजनों की ओर से भी देखभाल को लेकर कोई ठोस प्रयास या शिकायत पहले दर्ज नहीं कराई गई थी।
फिलहाल नौकर-नौकरानी पर लगाए गए सभी आरोपों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।




