ठंड से बचने के लिए बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना एक परिवार के लिए जानलेवा साबित हुआ। इस हादसे में PCS अफसर के दो मासूम बच्चों, सास और साढ़ू के बेटे समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है।
मृतकों में PCS अफसर विजय कुमार सिंह के 3 वर्षीय बेटे तेजस, 7 महीने की बेटी गुड़िया, उनकी सास कमलावती देवी (70) और साढ़ू का 4 साल का बेटा अध्याय शामिल हैं। घटना भगवान बाजार थाना क्षेत्र की अंबिका कॉलोनी की है।
छुट्टियां मनाने छपरा आई थीं पत्नी और बच्चे
PCS अफसर विजय कुमार सिंह वर्तमान में जौनपुर में तैनात हैं। उनकी पत्नी अंजलि बच्चों के साथ छुट्टियों में छपरा आई थीं। शुक्रवार रात ठंड अधिक होने के कारण परिवार के 7 लोग एक ही कमरे में सोए और तख्त के नीचे अंगीठी जलाकर रखी गई। कमरे का दरवाजा और खिड़कियां बंद थीं।
कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से घुटन
देर रात अंगीठी से निकली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस कमरे में भर गई, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम होती चली गई। गहरी नींद के कारण किसी को खतरे का आभास नहीं हुआ। शनिवार सुबह करीब 5–6 बजे एक सदस्य को घबराहट महसूस हुई और उसने किसी तरह दरवाजा खोलकर मदद मांगी।
परिजन सभी को छपरा सदर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया।
तीन की हालत गंभीर, पटना रेफर
हादसे में साले अमित कुमार, उनकी पत्नी अंजलि और साली अमीषा की हालत गंभीर है। तीनों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है। अमीषा, मृतक अध्याय की मां हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पहुंचे PCS अफसर
घटना की जानकारी मिलते ही PCS अफसर विजय कुमार सिंह छपरा पहुंचे। अस्पताल में अपने बच्चों को देखकर वे फूट-फूट कर रो पड़े। प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच की जा रही है।
हर साल दोहराई जाती है ऐसी लापरवाही
विशेषज्ञों के अनुसार, बंद कमरे में अंगीठी या सिगड़ी जलाने से ऑक्सीजन की कमी और जहरीली गैस के कारण दम घुटने का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में इस तरह की घटनाएं हर साल सामने आती हैं।




