दिल्ली के लालकिले के पास हुए कार धमाके की जांच में हर घंटे नए खुलासे हो रहे हैं। रविवार को लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास चलती i20 कार में धमाका हुआ था। अब सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि धमाके के वक्त कार में केवल एक व्यक्ति ही मौजूद था। शुरुआती जांच में कहा गया था कि कार में तीन लोग सवार थे, लेकिन फुटेज से स्पष्ट हुआ कि बाकी दो लोग धमाके से कुछ देर पहले ही गाड़ी से उतर गए थे। सूत्रों के अनुसार, धमाका लालकिला के सामने रेड लाइट के पास हुआ था। फुटेज में कार में अकेला शख्स दिख रहा है, जबकि दो अन्य संदिग्ध धमाके से ठीक पहले कार छोड़ते नजर आए। पुलिस अब उन दोनों की तलाश में जुटी है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि धमाका हादसा था या किसी साजिश का हिस्सा।
29 अक्टूबर को खरीदी गई थी कार
जांच में यह बात सामने आई है कि धमाके में इस्तेमाल हुई i20 कार (नंबर HR 26 CE 7674) 29 अक्टूबर को खरीदी गई थी। उसी दिन इस कार का प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) भी बनवाया गया था। उस दौरान कार के साथ तीन लोग मौजूद थे। शाम 4 बजकर 20 मिनट के एक वीडियो फुटेज में तीनों दिखाई दे रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि इनमें से एक व्यक्ति तारिक है, जिसके नाम पर डॉक्टर उमर ने कार खरीदी थी।
कई बार हाथ बदल चुकी थी कार
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि धमाके में इस्तेमाल हुई यह i20 कार पहले भी तीन बार बेची जा चुकी थी। यह कार शुरू में गुरुग्राम निवासी मोहम्मद सलमान के नाम पर थी। सलमान को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि उसने यह गाड़ी करीब डेढ़ साल पहले ओखला निवासी देवेंद्र नामक व्यक्ति को बेची थी।
देवेंद्र ने बाद में यह कार अंबाला के एक व्यक्ति को बेच दी, और फिर वही व्यक्ति इसे पुलवामा निवासी तारिक को बेच देता है। गाड़ी कई बार मालिक बदलती रही, लेकिन किसी ने भी RC ट्रांसफर नहीं कराई। इस वजह से कार अभी भी गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में मोहम्मद सलमान के नाम पर दर्ज है।
जम्मू-कश्मीर में जारी पूछताछ
जांच एजेंसियों ने तारिक को पुलवामा के संबूरा क्षेत्र से हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तारिक के अलावा डॉ. उमर और आमिर नाम के दो और व्यक्तियों से भी पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि 2015 में तारिक ने यह कार उमर को दे दी थी। इस सौदे में आमिर की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम अब इस बात की जांच कर रही है कि धमाका तकनीकी खराबी से हुआ या इसके पीछे आतंकी साजिश थी। फिलहाल कार के सभी पिछले मालिकों और डील में शामिल लोगों से पूछताछ जारी है।


