उत्तर प्रदेश में शहरों के नाम बदलने का सिलसिला एक बार फिर चर्चा में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखीमपुर खीरी जिले में आयोजित एक जनसभा के दौरान बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब जिले के मुस्तफाबाद का नाम बदलकर ‘कबीरधाम’ रखा जाएगा।
प्रकटोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी
सीएम योगी यहां कबीरधाम आश्रम में संत असंग देव महाराज के तीन दिवसीय प्रकटोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने संत परंपरा, राज्य सरकार की योजनाओं और देश के विकास से जुड़े मुद्दों पर बात की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह भूमि संत कबीर की विचारधारा से प्रेरित है और इसलिए मुस्तफाबाद का नाम बदलकर कबीरधाम रखा जाएगा।
एकता, समानता और सेवा का संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर की सोच आज भी समाज को एकता, समानता और सेवा का संदेश देती है। उनके विचार लोगों को जोड़ने का काम करते हैं, और इसी भावना से इस क्षेत्र को ‘कबीरधाम’ के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी अपनी पहचान फिर से पा सकें।
सीएम योगी ने नई उपलब्धियों का किया जिक्र
योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले देश अपनी पहचान खो चुका था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व स्तर पर नई पहचान बनाई है। आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में अमेरिका, चीन और भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के तीन बड़े स्तंभ होंगे।
नाम परिवर्तन को लेकर सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की गरिमा को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है। उन्होंने याद दिलाया कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या रखा गया था। इसी क्रम में अब मुस्तफाबाद को ‘कबीरधाम’ के नाम से जाना जाएगा।
साधु-संतों और स्थानीय लोगों ने किया स्वागत
कार्यक्रम में मौजूद साधु-संतों और स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया। लोगों का कहना है कि यह बदलाव केवल नाम का नहीं, बल्कि उस विचारधारा को सम्मान देने का प्रयास है, जिसने समाज में बराबरी और सद्भावना का संदेश दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संत परंपरा और भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जल्द ही ‘कबीरधाम’ क्षेत्र को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।


