देशभर में चार महीने तक चला मानसून मंगलवार को हल्की बारिश के साथ खत्म हो गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार देश में सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। हालांकि, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश की कमी देखने को मिली।
कुछ राज्यों में कम बारिश
आईएमडी चीफ मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में मानसून कमजोर रहा। यहां चार महीने के दौरान तीन महीने बारिश सामान्य से कम रही। उन्होंने कहा कि यह 2013 के बाद दूसरी सबसे कम बारिश है। गौरतलब है कि 2020 से इन क्षेत्रों में लगातार बारिश घट रही है।
सामान्य से ज्यादा मानसून
इस बार पूरे देश में औसतन बारिश सामान्य से अधिक रही। लेकिन इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम भारत और पहाड़ी राज्यों में बादल फटना, भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी सामने आईं। इन घटनाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाईं।
खरीफ फसलों को लाभ
बारिश सामान्य से अधिक होने का फायदा किसानों को मिला। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस बार खरीफ की फसलों की बुआई का कुल रकबा 1,120 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया। यह आंकड़ा सामान्य से 24 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। विशेषज्ञों का मानना है कि खरीफ फसलों की अच्छी बुआई से 2025-26 में देश का खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है।
आगे कैसा रहेगा मौसम?
तकनीकी रूप से मानसून खत्म हो चुका है, लेकिन अक्टूबर के मध्य तक देश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश जारी रह सकती है। इससे दक्षिण भारत में ठंडी (उत्तर-पूर्वी) मानसून के आने में थोड़ी देरी संभव है। महापात्रा ने बताया कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। अकेले अक्टूबर में औसतन 15% ज्यादा वर्षा हो सकती है। इस दौरान दक्षिण भारत में अच्छी बारिश होगी। वहीं उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत में अक्टूबर के महीने में दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। बाकी हिस्सों में तापमान थोड़ा कम रह सकता है।