अंधविश्वास की आड़ में हुआ रिश्तों का कत्ल! रतलाम हत्याकांड ने खोली डर की कहानी…

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मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में अंधविश्वास के चलते हुए सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया है। रावटी थाना क्षेत्र के ग्राम भीमपुरा में भतीजों ने अपनी ही चाची की कुल्हाड़ी और लोहे की पाइप से हमला कर हत्या कर दी और शव को छत से नीचे फेंक दिया। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

हत्या की वजह बना अंधविश्वास

पुलिस जांच में सामने आया कि मृतका नानीबाई उर्फ निर्मला (48 वर्ष) पर उसके जेठानी धन्नाबाई और दो भतीजों—शंकर भूरिया व बापू भूरिया—को शक था कि वह तंत्र-मंत्र करती है। आरोपियों का मानना था कि नानीबाई की वजह से ही उनके परिवार के पांच सदस्यों की मौत हुई है। इसी अंधविश्वास के चलते उन्होंने हत्या की साजिश रची।

घटना का विवरण

23 और 24 सितंबर की दरमियानी रात नानीबाई अपने पांच पोते-पोतियों के साथ घर की छत पर सो रही थीं। तभी शंकर और बापू बाइक से वहां पहुंचे और कुल्हाड़ी व पाइप लेकर छत पर चढ़ गए। मृतका की बड़ी पोती लक्ष्मी (10 वर्ष) की नींद खुली तो आरोपियों ने उसे बहला-फुसलाकर नीचे भेज दिया। इसके बाद दोनों ने धारदार हथियार से हमला कर नानीबाई की हत्या कर दी और शव को छत से नीचे फेंक दिया।

लगातार मौतों ने बढ़ाया शक

आरोपियों के परिवार में पिछले डेढ़ साल में पांच मौतें हुई थीं, जिससे उनका शक और गहराता चला गया।

  • शंकर की पहली पत्नी गंगाबाई की बीमारी से मौत
  • गंगाबाई की डेढ़ वर्षीय बेटी की मौत
  • शंकर के पिता बद्री भूरिया की मृत्यु
  • बद्री के पिता मनजी भूरिया का निधन
  • हाल ही में शंकर की दूसरी पत्नी रेखा की बीमारी से मौत

इन घटनाओं के बाद परिवार को विश्वास हो गया कि नानीबाई तंत्र-मंत्र करके उनके परिवार पर विपत्ति ला रही है।

पुलिस का खुलासा और कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही एएसपी राकेश खाखा, एफएसएल अधिकारी डॉ. अतुल मित्तल और थाना प्रभारी दीपक मंडलोई मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तफ्तीश में हत्या की पूरी साजिश का खुलासा किया और धन्नाबाई समेत दोनों बेटों को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से बाइक, कुल्हाड़ी और पाइप भी जब्त किए गए हैं।

समाज के लिए चेतावनी

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह हत्या अंधविश्वास की भेंट चढ़ी है। उन्होंने अपील की कि लोग इस तरह की कुप्रथाओं और अंधविश्वासों से बचें, क्योंकि इनके कारण निर्दोषों की जान चली जाती है। यह मामला एक बार फिर याद दिलाता है कि अंधविश्वास किस तरह रिश्तों को तोड़कर खून-खराबे में बदल सकता है।

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