उत्तर प्रदेश सरकार के तमाम दावों और कोशिशों के बावजूद प्रदेश में सड़क हादसों से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि बीते वर्ष की तुलना में इस साल जनवरी से अगस्त तक सड़क हादसों में मौतों का ग्राफ 17.8% बढ़ा है। खासकर छोटे जिलों में यह समस्या और भयावह होती जा रही है।
प्रयागराज टॉप पर, श्रावस्ती में 1700% इजाफा
शासन के निर्देश पर चिन्हित टॉप 20 जिलों में सड़क हादसों के मामले सबसे अधिक प्रयागराज से सामने आए हैं। वहीं, अगस्त माह के आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है।
- श्रावस्ती में सड़क हादसों से मौतों में 1700% का इजाफा दर्ज हुआ है।
- सोनभद्र में यह बढ़ोतरी 166.7%,
- पीलीभीत में 130.8%,
- फतेहगढ़ में 108.3%,
- रायबरेली में 105.6%,
- गाजीपुर में 91.7%,
- भदोही में 71.4%,
- संभल में 60%,
- प्रतापगढ़ में 58.8%,
- मैनपुरी में 57.9% की वृद्धि हुई है।
सीएम का लक्ष्य, लेकिन हालात उलटे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते मार्च माह में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रदेश में सड़क हादसों से होने वाली मौतों की संख्या में 50% की कमी लाने का लक्ष्य हासिल किया जाए। इसके लिए टॉप 20 जिलों को चिन्हित कर पुख्ता इंतज़ाम करने को कहा गया था। लेकिन, आठ महीने बीतने के बाद भी स्थिति संभलने के बजाय और बिगड़ गई है।
आंकड़ों की हकीकत
- सड़क हादसों में 14.2% इजाफा
- मृतकों की संख्या में 17.8% इजाफा
- घायलों की संख्या में 15.4% इजाफा
- टॉप 20 जिलों में मृतकों की संख्या में 15.2% इजाफा
आगे और मुश्किलें
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले चार माह में हालात और खराब हो सकते हैं। सर्दी के मौसम में कोहरे का कहर सड़क हादसों को और बढ़ा सकता है। ऐसे में सरकार और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह सड़क सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर पहल कर पाते हैं।