शहरों में मॉनसून आने के बाद से ही हर तरफ बारिश का मोहाल छाया हुआ है। केरल से जम्मू कश्मीर तक बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही और हिमाचल प्रदेश के भी 5 शहरो में बादल फटने से अफरा तफरी मच गयी है। कुल्लू के ४ जगह “सैंज के जीवानाला” “गड़सा के शिलागढ़” ” मनाली के स्नो गैलरी” और “बंजार क्र होरनगढ़” में बादल फट गए, वही धर्मशाला में खनियारा की मनुरीगढ़ में भी बादल फटने से हर तरफ जल का प्रकोप देखने को मिला, गांव बह गए, सड़के बंन्द हो गई, बिजली परियोजनाएं बह गई और धर्मशाला के हइड्रा प्लांट में 2 मजदूरों की मौत और 20 लोगों के लापता होने की भी खबर है।

धर्मशाला में रास्ते बंद होने से 2000 से अधिक पर्यटक फंसे हुए है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ जैसे हालातों की भी चेतावनी दी है। हिमाचल प्रदेश में मानसून सक्रिय है, लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। और अब मानसून विभिन्न जिलों में रफ़्तार पकड़ रहा रहा है। प्रदेश में मानसून 27 जून तक बहुत प्रभावी रहने वाला है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 30 जून तक लगातार बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। जिला प्रशासन कुल्लू ने बादल फटने व बाढ़ की सूचना के बाद राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें भेजी हैं। अतिरिक्त उपायुक्त कुल्लू अश्वनी कुमार ने कहा कि एनडीआरएफ टीम मौके पर है।उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि अभी बादल फटने की पुष्टि नहीं कर सकते हैं, लेकिन खड्ड में पानी अत्याधिक है। उपायुक्त ने कहा कि अभी तक दो शव बरामद हुए हैं। एसडीएम को मौके पर भेजा गया है। एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों को सतर्क करने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों को संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए हेल्पलाइन नंबर 112 व्हाट्सएप, ईमेल, पुलिस व चौकी के नंबर आमजनों से साझा करने के लिए कहा गया है। लोगों को पहाड़ों, नदी-नालों के पास न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। मौसम विभाग और प्रशासन की ओर से जारी अलर्ट पर संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित निगरानी करने को कहा है। बांध से पानी छोड़े जाने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करें। कुल्लू, बिलासपुर और ऊना में जल क्रीड़ा गतिविधियों को स्थगित करने के निर्देश दिए गए हैं।