चित्र : AI-Artificial Intelligence.
नई दिल्ली। दिग्गज अमेरिकी आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि चीन AI-Artificial Intelligence तकनीक का उपयोग करके झूठे राजनीतिक विज्ञापन, झूठी सामग्री तैयार की जा सकती है। ऐसे में भारत को आम चुनाव में अलर्ट रहने की जरूरत है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई जनरेटेड कंटेट का उपयोग करके चीन, भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया में आगामी चुनावों पर प्रभाव डाल सकता है। गौर करने वाली बात यह भी है कि ये चेतावनी उस वक्त आई है जब चीन ने ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान नतीजों को प्रभावित करने के लिए एआई का प्रयोग कर परीक्षण किया था। बता दें दुनिया भर में कम से कम 64 देशों में राष्ट्रीय चुनाव होने जा रहे हैं। इन देशों में वैश्विक आबादी का लगभग 49 प्रतिशत हिस्सा रहता है।
तो वहीं, पिछले महीने, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने नई दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थ। इस दौरान दोनों ने एआई के उपयोग पर चर्चा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम के अनुसार, चीनी समर्थित साइबर समूहों, उत्तर कोरिया की मदद से साल 2024 के लिए निर्धारित कई चुनावों को निशाना बना सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि ताइवान के चुनाव के दौरान बीजिंग समर्थित एक समूह, जिसे स्टॉर्म 1376 या स्पैमौफ्लेज के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से सक्रिय था. इस समूह ने नकली ऑडियो समर्थन और मीम्स सहित एआई का प्रयोग कर सामग्री प्रसारित की। जिसका उद्देश्य कुछ उम्मीदवारों को बदनाम करना और मतदाताओं की धारणाओं को प्रभावित करना था।