उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त एक्शन लिया है। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 2000 अज्ञात उपद्रवियों पर 5 थानों में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस की एफआईआर में दर्ज 10 मुकदमों में से 7 में सीधे मौलाना तौकीर रजा का नाम शामिल है।
सीएम योगी बोले—”मौलाना भूल गया शासन किसका है”
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मौलाना और उपद्रवियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा—“मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। वो मानते थे कि धमकी देकर और सड़कों पर जाम लगाकर सरकार को दबाव में ले लेंगे। हमने साफ कर दिया कि न जाम होगा, न कर्फ्यू लगेगा। ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि उनकी पीढ़ियां भी दंगे करना भूल जाएंगी।”
कैसे भड़का बरेली बवाल?
पिछले शुक्रवार को मौलाना तौकीर रजा की अपील पर भीड़ नमाज के बाद सड़कों पर उतरी। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई। जगह-जगह पथराव, तोड़फोड़ और फायरिंग की गई। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
कानपुर से शुरू हुआ था ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद
- यह विवाद 4 सितंबर को कानपुर से शुरू हुआ था।
- बारावफात (ईद मिलाद-उन्नबी) जुलूस के दौरान एक समूह ने “I Love Muhammad” लिखा बोर्ड लगाया।
- स्थानीय हिंदू संगठनों ने विरोध किया और पुलिस ने बोर्ड हटवाए।
- इसके बाद कानपुर में एफआईआर दर्ज हुई और मामला धीरे-धीरे प्रदेश के कई शहरों तक फैल गया।
- जवाब में हिंदू संगठनों ने “I Love Mahadev / महाकाल” लिखे पोस्टर और बैनर लगाना शुरू कर दिया।
राजधानी लखनऊ और अन्य जिलों में भी असर
- बरेली हिंसा के बाद लखनऊ की सड़कों पर नए होर्डिंग लगाए गए— जिन पर लिखा है ‘I Love श्री योगी आदित्यनाथ जी’ और ‘I Love Bulldozer’।
- वहीं, बाराबंकी में पोस्टर फाड़े जाने को लेकर हंगामा हुआ। देर रात पुलिस को बड़ी संख्या में तैनात करना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट की वकील फराह फैज का बयान
इस पूरे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की वकील फराह फैज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा—“‘आई लव मोहम्मद’ का नारा महज चीप पब्लिसिटी है। मोहम्मद साहब का असली संदेश इंसानियत और राष्ट्रप्रेम था। उनका अनुसरण कीजिए, सड़क पर शोर मचाकर नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे नारेबाज़ी करने वालों पर मुकदमे दर्ज होना जरूरी है क्योंकि यह संविधान और कानून के खिलाफ है।
पुलिस और सरकार की सख्ती
- बरेली पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें मौलाना तौकीर रजा भी शामिल हैं।
- 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
- 2000 अज्ञात लोगों पर 5 थानों में केस दर्ज किए गए।
- पुलिस ने साफ किया कि वीडियो फुटेज और तस्वीरों से पहचान करके आगे और कार्रवाई होगी।
कुल मिलाकर, बरेली बवाल पर यूपी सरकार और पुलिस का रुख बेहद सख्त है। सीएम योगी के बयान और तौकीर रजा की गिरफ्तारी से साफ है कि सरकार इस मामले को “लॉ एंड ऑर्डर” के बड़े टेस्ट केस की तरह देख रही है।