विधेयक पर गोस्वामी समाज की महिलाओं का विरोध, मंदिर परिसर में प्रदर्शन
मथुरा [वृंदावन]। उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद के दोनों सदनों से पारित ठाकुर बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट विधेयक, 2025 को राज्यपाल की मंज़ूरी मिलने के बाद तीर्थनगरी वृंदावन में विरोध की लहर तेज हो गई है। कानून बनने के विरोध में गोस्वामी समाज की महिलाओं ने मंदिर परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और इसे परंपराओं व धार्मिक अधिकारों पर हमला बताया।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने चबूतरे पर बैठकर नारेबाज़ी की और सरकार के फैसले के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया। महिलाओं का कहना है कि यह विधेयक केवल मंदिर प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए सदियों पुरानी सेवायत परंपरा और गोस्वामी समाज के अधिकारों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।
गोस्वामी समाज की सदस्य नीलम गोस्वामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ठाकुर बांके बिहारी जी की सेवा परंपरा पीढ़ियों से उनके पूर्वज निभाते आ रहे हैं। सरकार ने बिना किसी संवाद और सहमति के यह कानून थोप दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाई पावर कमेटी के नाम पर मंदिर का सरकारीकरण किया जा रहा है, जिसे गोस्वामी समाज और वृंदावन की जनता किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगी।
वहीं श्यामा गोस्वामी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस कानून पर पुनर्विचार नहीं किया और गोस्वामी समाज के हितों की रक्षा सुनिश्चित नहीं की, तो आंदोलन और अधिक उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिलाएं अपनी धार्मिक परंपराओं और ठाकुर जी की सेवा पद्धति में किसी भी प्रकार का बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगी।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने “मंदिर हमारी आस्था है, सरकारी संपत्ति नहीं” जैसे नारे लगाए। मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में महिलाओं के जुटने से प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है। फिलहाल, कानून लागू होने के बाद वृंदावन के सेवायत और गोस्वामी समाज में गहरा रोष देखा जा रहा है और वे अब इस मुद्दे पर कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर संघर्ष की रणनीति बना रहे हैं।



