UPPCS Protest: प्रयागराज में अभ्यर्थियों का उग्र प्रदर्शन, आयोग के बाहर बैरिकेडिंग के बीच छात्रों का हंगामा

प्रयागराज | UPPCS Protest Today

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) से जुड़ी मांगों को लेकर UPPCS अभ्यर्थियों ने प्रयागराज में जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र UPPSC भवन के बाहर एकत्र हुए, जहां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर आक्रोश जताया।


क्या है पूरा मामला? (UPPCS Protest Reason)

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि

  • परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताएं सामने आई हैं
  • भर्ती में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठ रहे हैं
  • परिणाम, पैटर्न और समय-सीमा को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही

छात्रों का आरोप है कि बार-बार आश्वासन के बावजूद उनकी समस्याओं का ठोस समाधान नहीं हो रहा, जिसके चलते उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा।


UPPSC भवन के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

प्रयागराज स्थित UPPSC मुख्यालय के बाहर स्थिति को देखते हुए:

भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया

लोहे की बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया गया

प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, हालांकि माहौल काफी तनावपूर्ण नजर आया

छात्र बैरिकेडिंग के पीछे खड़े होकर एकजुटता के साथ अपनी मांगें रख रहे थे।


अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें

UPPCS अभ्यर्थियों की मुख्य मांगों में शामिल हैं:

  • परीक्षा एवं चयन प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता
  • लंबित मुद्दों पर स्पष्ट और लिखित जवाब
  • भविष्य की परीक्षाओं के लिए स्पष्ट कैलेंडर
  • अभ्यर्थियों के साथ संवाद की प्रभावी व्यवस्था

प्रशासन की ओर से क्या कहा गया?

फिलहाल प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और छात्रों की मांगों को संबंधित स्तर पर पहुंचाया जाएगा।


क्यों अहम है यह UPPCS Protest?

UPPCS परीक्षा प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों युवा अपने भविष्य की उम्मीद लेकर इस परीक्षा में शामिल होते हैं। ऐसे में आयोग से जुड़ा कोई भी विवाद सीधे तौर पर युवाओं के भविष्य से जुड़ा होता है।


प्रयागराज में हुआ यह UPPCS Protest केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि उन हजारों अभ्यर्थियों की आवाज़ है जो अपने भविष्य को लेकर जवाब चाहते हैं। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि UPPSC और राज्य प्रशासन इस मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाता है।

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