देशभर में दिवाली की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हर जगह रोशनी और सजावट का माहौल है। इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह कोई खास सुझाव नहीं देना चाहते, लेकिन भगवान राम के नाम पर एक बात जरूर कहना चाहते हैं।
अखिलेश के बयान ने किया विवाद
अखिलेश यादव ने कहा कि पूरी दुनिया में जब क्रिसमस का त्यौहार आता है, तो शहरों में महीनों तक रोशनी रहती है। उन्होंने कहा कि हमें भी इससे सीख लेनी चाहिए। अगर विदेशों में इतने लंबे समय तक शहर जगमगाए रहते हैं, तो हम भी अपने शहरों को स्थायी और आधुनिक रोशनी से सजा सकते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हमें हर बार दीयों और मोमबत्तियों पर इतना खर्च क्यों करना पड़ता है?
बेहद सुंदर और स्थायी रोशनी की व्यवस्था
यह बयान उन्होंने तब दिया जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि घाटों पर दीयों की जगह मोमबत्तियों का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि “देर आए, दुरुस्त आए।” उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा सरकार से किसी भी बेहतर पहल की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार होती, तो पूरे प्रदेश में बेहद सुंदर और स्थायी रोशनी की व्यवस्था की जाती।
दलितों और आदिवासियों के साथ अन्याय
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि मौजूदा सरकार को अब हट जाना चाहिए क्योंकि वह जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है। उन्होंने यूपी सरकार पर कई मुद्दों पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं, दलितों और आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है और पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें यहीं दर्ज की जा रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकार इन गंभीर मामलों पर चुप क्यों है और सिर्फ प्रचार पर ध्यान क्यों दे रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य में असली विकास और सुरक्षित माहौल लेकर आएगी।