उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे की टाइमिंग बनी चर्चा का विषय

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Vice President Of India Jagdeep Dhankhar

उपराष्ट्रपति जगदीप के इस्तीफे से सियासी हल्के में भूचाल आया है उन्होंने इसके पीछे स्वास्थ् कारणों का हवाला दिया है। लेकिन उनके इस्तीफे की टाइमिंग को लेकर कई तरफ के सवाल खड़े हो रहे है। क्योंकि जिस दिन से मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू हुई उसी दिन उन्होंने अपने इस्तीफे का ऐलान किया, जबकि अभी उनका कार्यकाल 2027 तक था इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा की, ‘जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है’ मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।’

विपक्ष धनखड़ द्वारा दिए गए इस्तीफे के पीछे के कारण को स्वास्थ नहीं बल्कि सियासी बता रहा है, संसद के अंदर यह भी चर्चा तेज है कि धनखड़ कांग्रेस के कई विपक्षी नेताओं के करीब आ रहे थे, पिछले सप्ताह उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और रविवार को अरविंद केजरीवाल से भी मिले, साथ ही विपक्षी सांसदों के उस पत्र को स्वीकार करते हुए देखे गए थे, जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग की मांग की गई थी, उन्होंने सचिव-जनरल को इस मामले को आगे बढ़ाने का निर्देश भी दिया था।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं आज शाम तक उनके साथ था, उस समय कई अन्य सांसद भी मौजूद थे। निसंदेह, उपराष्ट्रपति धनखड़ को अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। लेकिन उनका यह पूरी तरह से अप्रत्याशित इस्तीफा बताता है कि मामला सिर्फ स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। हालांकि अभी अनुमान लगाने का समय नहीं है। कांग्रेस नेता कुंवर अली दानिश ने एक्स पर पोस्ट किया, ’75 साल पूरे होने से पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा RSS संगठन की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर साफ इशारा हैसियासी गलियारों में ये चर्चा तेज़ है धनखड़ जी के इस्तीफे के बाद, क्या योगी आदित्यानाथ को ‘उपराष्ट्रपति’ बनाने की तैयारी चल रही है?’

गोरखपुर से सांसद रवि किशन से जब उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “किसी को शहीद तो नहीं करवा सकते ना आप काम करते-करते। किसी का शरीर चाह रहा है आराम करना, तो उनको आराम करने दो, दाल में कला नहीं है विपक्ष के दिमाग में कला है।”

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे से जितना विपक्ष हैरान है, उससे कहीं ज्यादा बीजेपी कंफ्यूज्ड है, पार्टी के अंदर यह बात किसी को हजम नहीं हो पा रही है कि राज्यसभा के सभापति का स्वास्थ्य इतना खराब है कि उन्होंने अपने कार्यकाल से दो साल पहले ही अचानक पद छोड़ने का फैसला कर लिया, वो भी तब जब भारत के संवैधानिक इतिहास में आजतक किसी भी उपराष्ट्रपति ने इस तरह समय से पूर्व इस्तीफा नहीं दिया है, इसी वजह से बीजेपी के अंदर भी इस बात की उतनी ही कयासबाजी जारी है, जितना पार्टी और सरकार से बाहर कि आखिर जगदीप धनखड़ ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया?

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