22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गवाने वाले कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की अस्थियां विसर्जित करने के लिए उनके परिजन कानपुर से प्रयागराज जा रहे थे। जहाँ रास्ते में कई स्थानों पर लोगो नें शुभम को श्रद्धा सुमन अर्पित किया और आतंकवाद व पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। इसके बाद भाई सौरभ नें शुभम की अस्थियों को संगम में प्रवाहित किया। अस्थि विसर्जन के दौरान पूरा परिवार गमगीन था।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने कई परिवारों की खुशहाल जिंदगी उजाड़ दी थी। उन्हीं में से एक कानपुर की ऐशन्या (शुभम की पत्नी) का भी परिवार शामिल था।
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पहलगाम की आतंकी घटना के बाद सभी एक स्वर में कह रहे कि आतंकवाद अब समूचे देश के लिए नासूर बन चुका है अब इसे जड़ से उखाड़ फेंकने का समय आ गया है। पाकिस्तान आतंकवाद का पनहगार बना हुआ है इसलिए पाकिस्तान को भी इस बार कड़ा सबक सीखाना चाहिए।