लखनऊ के शहीद भगत सिंह तरणताल में शुक्रवार सुबह एक दुखद घटना हुई। 54 वर्षीय अनुभवी पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी पूल में डूब गए। यह घटना इस बात पर सवाल खड़े कर रही है कि इतनी अनुभवी और अच्छे तैराक इंस्पेक्टर कैसे डूब सकते हैं।
घटना की शुरुआत
अश्विनी चतुर्वेदी रोज सुबह 7 से 8 बजे के बीच स्विमिंग के लिए तरणताल स्थित 35वीं वाहिनी पीएसी पूल आते थे। शुक्रवार की सुबह भी वे तय समय पर पहुंचे। बैच समाप्त होने के बाद अन्य तैराक बाहर चले गए, लेकिन अश्विनी बाहर नहीं आए। करीब 9:30 बजे कोच अनिल कुमार ने चेंजिंग रूम और पूल एरिया बंद करते समय अश्विनी का बैग, कपड़े और चप्पल देखे। उन्हें शक हुआ कि अश्विनी पूल में ही हो सकते हैं।
तलाशी और SDRF की मदद
कोच ने खुद पूल में खोजबीन शुरू की। करीब एक घंटे तक खोजने के बाद जब उन्हें कुछ पता नहीं चला, तो एसडीआरएफ टीम को बुलाया गया। गोताखोरों ने 20 फीट गहरे पानी से अश्विनी का शव बाहर निकाला। कोच अनिल कुमार ने बताया कि पूल पर सुरक्षा के पर्याप्त साधन नहीं थे। गार्डों के पास लाइफ जैकेट और अन्य जरूरी उपकरण नहीं थे।
अश्विनी चतुर्वेदी के बारे में कोच का बयान
कोच ने कहा, “अश्विनी बहुत अच्छे तैराक थे। रोजाना 400-500 मीटर तैरते थे। कभी सुरक्षा को लेकर चिंता नहीं होती थी। उनकी डूबने की घटना पर यकीन नहीं हो रहा।” उन्होंने यह भी बताया कि अश्विनी के कंधे और पीठ पर चर्बी बढ़ गई थी, जिसके लिए वह फिजियोथेरेपी करवा रहे थे। डॉक्टर ने नियमित स्विमिंग की सलाह दी थी।
परिवार और अफसरों की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सेंगर, जेसीपी कानून एवं व्यवस्था बबलू कुमार, जेसीपी अपराध अमित वर्मा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीसीपी मध्य आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि पूल परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि बैच खत्म होने के बाद अश्विनी कितनी देर पानी में रहे और वहां कोई और मौजूद था या नहीं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण स्पष्ट होंगे।
अश्विनी चतुर्वेदी का पेशेवर जीवन
अश्विनी चतुर्वेदी मूल रूप से अंबेडकर नगर के राजे सुलतानपुर के निवासी थे और उनका परिवार वाराणसी में रहता है। उन्होंने लंबे समय तक पुलिस विभाग में सेवा दी।
- वे नौ साल तक एटीएस में तैनात रहे।
- वर्ष 2012 में उन्हें गोल्ड मेडल और प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिला।
- दो वर्ष पहले उन्होंने बिहार के दो कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया था।
अश्विनी की परिवार में पत्नी अल्पना, बेटे प्रांजल और तनय हैं।
स्वास्थ्य की स्थिति और सलाह
अश्विनी को बीपी और शुगर की समस्या थी। पीठ के दर्द की वजह से डॉक्टर ने उन्हें नियमित स्विमिंग करने की सलाह दी थी। वे रोजाना स्विमिंग के बाद एक्सरसाइज भी करते थे।
मौत की जांच और संभावित कारण
पुलिस अब इस घटना को कई कोणों से देख रही है। संभावित कारणों में हादसा, आत्महत्या या साजिश शामिल हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और वीडियोग्राफी के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट होगा। अश्विनी चतुर्वेदी के अचानक डूबने की घटना ने पुलिस विभाग और समाज में शोक और चिंता पैदा कर दी है। एक अच्छे तैराक और बहादुर इंस्पेक्टर की यह मौत कई सवाल छोड़ गई है कि सुरक्षा उपायों और स्वास्थ्य के बावजूद यह कैसे हुआ।