
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दहशत फैलाने वाला कुख्यात शार्प शूटर, जिसे पुलिस ने कई सालों की मेहनत के बाद गिरफ्तार किया, लेकिन अंततः वह अपनी जान से हाथ धो बैठा हम बात कर रहे है शाहरुख पठान कि जो रविवार की देर रात एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ के साथ हुई मुठभेड़ में घायल होने के बाद गिरफ्तार किया गया, 50 हजार के इनामी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शाहरुख पठान की आपराधिक गतिविधियों की शुरुआत 2015 में हुई जब उसने पुलिस कस्टडी में रहते हुए आसिफ जायदा नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। रेलवे स्टेशन पर हुई इस सनसनीखेज हत्या ने शाहरुख को अपराध की दुनिया में मशहूर कर दिया। जेल में रहते हुए उसकी मुलाकात कुख्यात माफिया संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी से हुई, जो उसे अपराध की दुनिया में और गहरे धकेलने वाले बने।

2016 में सिविल लाइन थाने से फरार होने के बाद शाहरुख ने अपनी फरारी के दौरान 2017 में हरिद्वार में कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या की थी, यही नहीं, आसिफ जायदा हत्याकांड के गवाह उसके पिता की भी 2017 में कोतवाली मुजफ्फरनगर क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी, इन हत्याओं के बाद शाहरुख पर ₹50,000 का इनाम घोषित किया गया था।
गोल्डी मर्डर केस में शाहरुख को उम्रभर की सजा हुई थी, लेकिन कुछ समय पहले वह जमानत पर बाहर आया, रिहा होते ही उसने गवाहों को धमकाना शुरू कर दिया और जान से मारने की धमकियां देने लगा, इसके बाद संभल में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास और धमकी का मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें वह वांछित था।