रायबरेली, सुल्तानपुर समेत कई जिलों में स्कूल बंद, वाराणसी शिमला से भी ज्यादा ठंडा

उत्तर प्रदेश में सर्दी और घने कोहरे ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। सोमवार सुबह कई इलाकों में गहरा कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई। आगरा, अलीगढ़ और बाराबंकी जैसे जिलों में विजिबिलिटी जीरो के करीब पहुंच गई, जबकि बहराइच में 50 मीटर और कानपुर में मात्र 70 मीटर दृश्यता दर्ज की गई। श्रावस्ती, अयोध्या और अमेठी में भी 100 मीटर तक ही देख पाना मुश्किल रहा।

मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार से हवा की दिशा पूर्वी हो जाने से तापमान में हल्की बढ़ोतरी और कोहरे में कुछ कमी आने की उम्मीद है। हालांकि, रविवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में घने कोहरे और भीषण ठंड ने यातायात को ठप कर दिया। तराई और पश्चिमी इलाकों में दिनभर सूरज नहीं निकला।

विभाग ने प्रतापगढ़, कानपुर नगर, उन्नाव, रायबरेली और अमेठी के लिए घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही 39 जिलों में शीत दिवस की चेतावनी दी गई है। लखनऊ के आंचलिक मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से अगले दो दिनों में तापमान 2-3 डिग्री बढ़ सकता है और कोहरा कुछ कम होगा।

स्कूलों में छुट्टी और समय परिवर्तन

ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अवध क्षेत्र के कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। रायबरेली, अमेठी, अंबेडकरनगर और सुल्तानपुर में कक्षा 8 तक के स्कूल पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। अन्य जिलों में भी स्कूलों की टाइमिंग बदली गई है ताकि बच्चे सुबह के घने कोहरे में घर से निकलने से बच सकें।

वाराणसी में रिकॉर्ड तोड़ ठंड: शिमला से भी ज्यादा सितम

इस बीच, पूर्वांचल के वाराणसी में ठंड ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लगातार घने कोहरे के कारण धूप नहीं निकलने से दिन का तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे गिर गया। हाल के दिनों में वाराणसी का अधिकतम तापमान शिमला, नैनीताल, सिलीगुड़ी और अन्य हिल स्टेशनों से भी कम दर्ज किया गया, जिससे काशी शिमला से ज्यादा ठंडी हो गई। कोहरे की मोटी चादर ने शहर को पूरी तरह ढक लिया, दृश्यता 200 मीटर से कम रही और जनजीवन ठहर सा गया।

रविवार को दिन में कुछ देर के लिए धूप निकली, जिससे अधिकतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी हुई, लेकिन शाम होते ही गलन भरी हवाओं ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से नीचे बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से जल्द ही राहत मिल सकती है, लेकिन तब तक ठंड और कोहरे का दौर जारी रहेगा।

प्रदेशवासियों से अपील है कि ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें और जरूरी काम होने पर ही बाहर निकलें। यातायात में सावधानी बरतें क्योंकि कोहरे से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

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