नई दिल्ली। इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और लगातार मिसाइल तथा ड्रोन हमलों के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत बड़े पैमाने पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया है। इसी अभियान के तहत शनिवार, 21 जून को तीसरी फ्लाइट ईरान से भारतीय नागरिकों को लेकर सुरक्षित रूप से भारत पहुंची। इस फ्लाइट के जरिए 117 भारतीयों को तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से भारत लाया गया, जिससे अब तक कुल 517 भारतीय नागरिकों को सकुशल स्वदेश वापस लाया जा चुका है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि 21 जून को सुबह 3 बजे यह फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी, जिसमें ईरान से निकाले गए नागरिक सवार थे। इससे कुछ ही घंटे पहले, 20 जून की देर रात को एक और फ्लाइट मशहद, ईरान से 290 भारतीय छात्रों को लेकर भारत पहुंची थी, जो इजराइल-ईरान तनाव के बीच फंसे हुए थे।
इन छात्रों में ज्यादातर जम्मू-कश्मीर से थे, जो ईरान के मशहद में पढ़ाई कर रहे थे। सुरक्षित वापसी के बाद जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समय पर हस्तक्षेप और समर्थन के लिए वे उनके विशेष रूप से आभारी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “ईरान के मशहद से 290 छात्रों को लेकर महान एयर की फ्लाइट नई दिल्ली में सुरक्षित पहुंची है, इसके लिए पीएम मोदी, विदेश मंत्री और सभी संबंधित अधिकारियों का धन्यवाद।”
भारत सरकार का यह मानवीय और त्वरित प्रयास विदेशों में फंसे भारतीयों की सुरक्षा और भलाई के प्रति उसकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ‘ऑपरेशन सिंधु’ के माध्यम से न केवल छात्रों बल्कि अन्य नागरिकों को भी ईरान जैसे संकटग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकाला जा रहा है। आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा, ताकि कोई भी भारतीय संकट में न फंसा रह जाए।