समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने पहलगाम आतंकी हमले पर गहरा दुख जताया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि यह हमला बेहद निंदनीय और दुखद है।
रामगोपाल यादव ने सवाल उठाया कि अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं पुख्ता की गई, जबकि पहलगाम अमरनाथ यात्रा का बेस कैंप है। उन्होंने इसे सीधे तौर पर इंटेलिजेंस फेलियर बताया और कहा कि सीमा पार से आ रहे आतंकियों में अब कोई डर नहीं बचा है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सरकार को सबसे पहले पीओके के रूट को तबाह करना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से सरकार के पास वह इच्छाशक्ति ही नहीं दिखती।” उन्होंने कहा कि अगर सख्त कदम उठाए गए होते, तो अब तक ठोस कार्रवाई हो चुकी होती।
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धर्म पूछकर हत्या पर प्रतिक्रिया देते हुए, रामगोपाल ने बताया कि इस हमले में हिंदू और मुस्लिम दोनों मारे गए, लेकिन दुर्भाग्य से इसे भी राजनीति का मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर आतंकवाद पर राजनीति न होती, तो यह देश अब तक आतंक से मुक्त हो चुका होता।”
पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर उन्होंने साफ कहा, “बातचीत से कुछ नहीं होगा। पाकिस्तान ही आतंकवाद की जड़ है, और यह सबको पता है।”
रॉबर्ट वाड्रा के बयान पर उन्होंने असहमति जताते हुए कहा कि ऐसी बातें सोशल मीडिया पर लोग करते हैं, लेकिन जिम्मेदार लोगों को सोच-समझकर बोलना चाहिए।
अंत में, रामगोपाल यादव ने सरकार से मांग की कि वह सख्त कदम उठाए और जरूरत पड़े तो भारतीय सेना को पीओके भेजा जाए। सपा का रुख साफ है – आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस।