जब अवैध खनन बना जानलेवा! खनन माफिया ने किसान को ट्रैक्टर से कुचला

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सोचिए, आपने अपने खेत में मेहनत की, और कोई आपके मेहनत के फल पर अपनी ताकत दिखा देता है। पीलीभीत में ऐसा ही हुआ। एक किसान ने सिर्फ अपने खेत और अपने हक की रक्षा करने की कोशिश की… और बदले में उसे ट्रैक्टर से कुचल दिया गया। तो आइए, जानते हैं पूरी घटना और इसके पीछे की वजहें।

क्या थी पूरी घटना?

यह घटना नेपाल सीमावर्ती अशोकनगर गांव की है। बुधवार की रात करीब 9 बजे, गांव के लोग देख रहे थे कि कुछ लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर अवैध खनन कर रहे हैं। ये लोग बाढ़ के बाद खेतों में जमा रेत निकाल रहे थे, जो कि किसानों का अपना खेत है। गांव के ही इंद्रजीत सिंह, जो 60 साल के किसान थे, और कुछ अन्य ग्रामीण इस खनन का विरोध करने मैदान में खड़े हो गए। उन्होंने ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने की कोशिश की। लेकिन, ट्रैक्टर के चालक ने धमकी दी –
“रोकने की कोशिश की तो सबको मार डालूंगा।” और फिर क्या हुआ, यह सुनकर शायद आप सोच भी नहीं सकते। ट्रैक्टर चालक ने सीधे किसानों की ओर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। इंद्रजीत सिंह और उनके साथ तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने इंद्रजीत सिंह को मृत घोषित कर दिया।

कौन हैं आरोपी और क्या है आरोप?

मृतक के बेटे प्रीतम सिंह ने बताया कि यह घटना उन लोगों की वजह से हुई जो अवैध खनन कर रहे थे – नाम हैं अलहम अली, हेमंत महेश्वरी और अरविंद यादव। प्रीतम ने साफ कहा, “मेरे पिता की हत्या क्षमा करने लायक नहीं है। पुलिस से अपील है कि आरोपियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।” और अगर हम ट्रैक्टर की जानकारी लें तो दो ट्रैक्टर का इस्तेमाल हुआ – पावर ट्रैक EURO 50 और पावर ट्रैक 4455।

क्या है गांव की प्रतिक्रिया?

घटना के बाद गांव में हंगामा मच गया। सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। उन्होंने ट्रैक्टर चालकों और खनन माफिया के खिलाफ विरोध किया। थाना पुलिस और एसडीएम अजीत प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। राजस्व टीम को जांच के लिए भेजा गया। मृतक के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई का आदेश दिया।

इस घटना को सिर्फ एक व्यक्तिगत विवाद के रूप में नहीं देखा जा सकता। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:

  1. अवैध खनन का खतरा – यह घटना दिखाती है कि कैसे अवैध खनन स्थानीय किसानों और उनकी जमीन के लिए खतरा बन सकता है।
  2. किसान और माफिया का संघर्ष – किसानों के खिलाफ माफिया की हिंसक प्रवृत्ति साफ नजर आती है।
  3. कानूनी कमी – अगर समय पर प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई होती, तो शायद यह मौत रोकी जा सकती थी।
  4. सामाजिक संदेश – यह घटना समाज को एक चेतावनी देती है कि अवैध खनन और हिंसा के खिलाफ ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

खनन माफिया की बर्बरता

यह सिर्फ एक दुखद घटना नहीं है, बल्कि अवैध खनन और किसानों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल भी है। हम उम्मीद करते हैं कि प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा और अपराधियों को न्याय मिलेगा। और साथ ही, हमें यह समझना होगा कि अगर हम अपने प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा नहीं करेंगे, तो भविष्य में ऐसी घटनाएँ बढ़ती रहेंगी। दोस्तों, यह घटना हमें बताती है कि सिर्फ विरोध करना ही काफी नहीं है, हमें अपने अधिकारों और जमीन की सुरक्षा के लिए सतर्क और संगठित रहना होगा।

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