पाकिस्तान में एक बार फिर आतंक का साया गहराया है। बलूचिस्तान के क्वेटा में चलने वाली जाफर एक्सप्रेस को दूसरी बार निशाना बनाया गया है। रविवार को ट्रेन पर रिमोट-कंट्रोल बम धमाका किया गया, जिससे ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में कम से कम सात लोग घायल हुए हैं। धमाके की जिम्मेदारी बलूच विद्रोही संगठन बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (BRG) ने ली है। यह ट्रेन पेशावर की ओर जा रही थी, जब यह हमला हुआ।
पटरी पर लगाया गया था विस्फोटक
यह धमाका सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले के सुल्तान कोट क्षेत्र में हुआ। जानकारी के मुताबिक, पटरी पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाया गया था, जिसे ट्रेन के गुजरते ही रिमोट से उड़ाया गया। विस्फोट की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। चश्मदीदों के अनुसार, धमाके के बाद इलाके में फायरिंग की आवाजें भी सुनी गईं।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, रेलवे अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से इस रूट पर रेल सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और बम निरोधक दस्ते को जांच के लिए बुलाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि हमला पहले से योजनाबद्ध था और इसमें स्थानीय मदद भी शामिल हो सकती है।
बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने ली जिम्मेदारी
बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (BRG) के प्रवक्ता ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बयान में कहा गया, “हम शिकारपुर-बीआरजी में जाफर एक्सप्रेस पर हुए विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हैं। यह हमला तब किया गया जब पाकिस्तानी सेना के जवान ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। विस्फोट के कारण कई सैनिक मारे गए और घायल हुए। बलूचिस्तान की आजादी तक ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे।”
पहले भी बन चुकी है निशाना
यह पहली बार नहीं है जब जाफर एक्सप्रेस को टारगेट किया गया हो। इससे पहले 7 अगस्त को बलूचिस्तान के सिबी रेलवे स्टेशन के पास रेलगाड़ी पर बम विस्फोट का प्रयास किया गया था। वहीं 4 अगस्त को कोलपुर के पास ट्रेन के इंजन पर फायरिंग की गई थी, जिसकी जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली थी। जाफर एक्सप्रेस, जो क्वेटा से पेशावर के बीच चलती है, हाल के महीनों में विद्रोही हमलों का प्रमुख निशाना बनी हुई है। इन लगातार हमलों से पाकिस्तान में रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और प्रशासन की चुनौतियां बढ़ गई हैं।