बिहार विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन सदन के अंदर और बाहर विपक्षी दलों ने जबरदस्त हंगामा किया, इस सत्र के दौरान सरकार को कई अहम मुद्दों पर विपक्ष के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा, बता दें कि यह वर्तमान सरकार के कार्यकाल का अंतिम विधानसभा सत्र है, क्योंकि इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

विधानसभा में गूंजे नारे, AIMIM और वामदल आक्रामक
सत्र की शुरुआत के साथ ही AIMIM, राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, AIMIM विधायक वेल में आकर विरोध जताते नजर आए, वामपंथी दलों के विधायक काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे, जो उनके विरोध का प्रतीक था।
मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए सवाल
वामदल के नेताओं ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए, इसे “अघोषित आपातकाल” करार देते हुए उन्होंने विधानसभा परिसर में पोस्टर और बैनर के साथ विरोध प्रदर्शन किया, राजद और कांग्रेस विधायकों ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।

क्राइम कंट्रोल समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरा
सदन के भीतर विपक्ष ने राज्य में बढ़ते अपराध, बेरोज़गारी और प्रशासनिक लापरवाही जैसे मुद्दों को उठाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया, AIMIM सहित अन्य विपक्षी दलों के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के दौरान भी नारेबाजी जारी रखी।
स्पीकर की अपील, हंगामे के बीच संबोधन जारी
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने विपक्षी दलों से शांत रहने की अपील की, लेकिन विरोध थमता नहीं दिखा, हंगामे के बीच उन्होंने अपना उद्घाटन भाषण जारी रखा, बिहार विधानसभा का मानसून सत्र पहले ही दिन गरमाता हुआ नजर आया, आगामी चुनाव को देखते हुए यह सत्र राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, जिसमें विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता।
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