अब आवारा कुत्तों पर स्कूली शिक्षक करेंगे नकेल!

आज़मगढ़ । सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश सरकार ने आवारा कुत्तों के आतंक को समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, खेल परिसरों समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों की पहचान की जा रही है, जहां आवारा कुत्तों का खतरा बना हुआ है। शासन ने इस संबंध में नगर निकायों और विकास प्राधिकरणों से विस्तृत सूची तलब की है।

विशेष रूप से स्कूल परिसरों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रत्येक स्कूल में एक नोडल अध्यापक की नियुक्ति की जाएगी। यह नोडल अध्यापक स्कूल परिसर को पूरी तरह से आवारा कुत्तों से मुक्त कराने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके साथ ही यदि किसी छात्र को कुत्ते के काटने की घटना होती है, तो नोडल अध्यापक की जिम्मेदारी होगी कि वह छात्र को तत्काल अस्पताल ले जाकर रैबीज का टीका लगवाए और आवश्यक इलाज सुनिश्चित कराए।

इस संबंध में शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। नगर निकाय और प्राधिकरण उन स्कूलों की पहचान करेंगे, जिनके परिसर असुरक्षित हैं। पहचान के बाद ऐसे स्कूलों की सूची तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। इसके साथ ही स्कूल में तैनात किसी एक शिक्षक को नोडल अध्यापक के रूप में नामित किया जाएगा, जो नगर निकाय के साथ समन्वय बनाकर परिसर को सुरक्षित कराने का कार्य करेगा।

एसडीएम न्यायिक एवं प्रभारी ईओ नगर पालिका प्रियंका सिंह ने बताया कि शासनादेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा अधिकारी से बातचीत की गई है। असुरक्षित स्कूल परिसरों की पहचान के बाद उनकी सूची शासन को भेजी जाएगी। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार पाठक ने कहा कि शिक्षा निदेशक (बेसिक) का आदेश प्राप्त हो चुका है और जल्द ही सभी स्कूलों में नोडल शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।

प्रशासन का मानना है कि इस पहल से न केवल छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि स्कूलों का वातावरण भी सुरक्षित और स्वस्थ बनेगा। बच्चों की सुरक्षा को लेकर उठाया गया यह कदम शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा जा रहा है।

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