चित्र : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
नई दिल्ली। देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक अस्थिरता के बीच भारत सरकार ने नए कर नियम लागू कर दिए हैं। यह 1 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं। इस दिन से नया नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है, जिसके बाद आयकर पर केंद्रीय बजट प्रस्ताव इस दिन से लागू होते हैं। बता दें कि इन बदलावों की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में अपने बजट भाषण में की थी।
नई कर व्यवस्था को डिफ़ॉल्ट रूप से अपनाया जाएगा जिसका उद्देश्य कर दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना और नई व्यवस्था में अधिक से अधिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। हालांकि, करदाताओं को अभी भी पुरानी कर व्यवस्था से चिपके रहने की स्वतंत्रता होगी यदि यह उनके लिए अधिक फायदेमंद है।
टैक्स स्लैब इस प्रकार होंगे
- 3 लाख से 6 लाख की आय पर 5% टैक्स लगेगा, 6 लाख से 9 लाख की आय पर 10% टैक्स लगेगा, 9 लाख से 12 लाख की आय पर 15% टैक्स लगेगा, 12 लाख से 15 लाख की आय पर 20% टैक्स लगेगा और 15 लाख और उससे ज़्यादा की आय पर 30% टैक्स लगेगा।
- ₹ 50,000 की मानक कटौती, जो पहले पुरानी कर व्यवस्था में लागू थी, अब नई कर व्यवस्था में शामिल कर दी गई है। इससे नई व्यवस्था के तहत कर योग्य आय में और कमी आएगी।
5 करोड़ से ज़्यादा की आय पर सरचार्ज की सबसे ज़्यादा दर 37% थी, जिसे घटाकर 25% कर दिया गया है। - 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद जारी की जाने वाली जीवन बीमा पॉलिसियों से प्राप्त परिपक्वता राशि, जहां कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक है, कराधान के अधीन होगी। गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश नकदीकरण कर छूट की सीमा ₹3 लाख थी जिसे अब बढ़ाकर ₹25 लाख कर दिया गया है।