दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के बीच अब एक बड़ी खबर सामने आई है। राजधानी की हवा में घुलते ज़हर को कम करने के लिए सरकार ने क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी पूरी कर ली है। यह कदम प्रदूषण से जूझ रहे दिल्लीवासियों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। बताया जा रहा है कि इस अभियान के लिए सेना का एक विशेष एयरक्राफ्ट मेरठ पहुंचने वाला है, जो कानपुर से उड़ान भरकर यहां आएगा।
अगले 72 घंटों में कभी भी हो सकती है बारिश
मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले तीन दिनों के भीतर यानी अगले 72 घंटों में कभी भी कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है। फिलहाल बादलों की स्थिति और हवा की नमी को देखते हुए मौसम पूरी तरह अनुकूल मानी जा रही है। इस पूरे अभियान को गोपनीय तरीके से अंजाम दिया जाएगा और सफलता के बाद ही इसकी आधिकारिक जानकारी साझा की जाएगी।
कौन सी तकनीक से कराई जाएगी बारिश?
दिल्ली-एनसीआर में क्लाउड सीडिंग के लिए पाइरोटेक्निक (Pyrotechnic) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में एयरक्राफ्ट के दोनों पंखों के नीचे 8 से 10 पाइरोटेक्निक फ्लेयर्स लगाए गए हैं। जब विमान बादलों के नीचे से गुजरेगा, तो इनमें मौजूद विशेष रासायनिक तत्व (केमिकल्स) को बटन दबाकर छोड़ा जाएगा। ये फ्लेयर्स बादलों के साथ रिएक्ट करते हैं, जिससे संघनन (Condensation) बढ़ता है और बादलों से बारिश शुरू हो जाती है।
100 किलोमीटर तक असर का अनुमान
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस कृत्रिम बारिश का असर लगभग 100 किलोमीटर के क्षेत्र तक देखने को मिल सकता है। इसका मतलब है कि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे इलाकों में हवा की गुणवत्ता में सुधार आने की संभावना है। बारिश के बाद प्रदूषण के कण नीचे बैठ जाएंगे और AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में उल्लेखनीय गिरावट हो सकती है।
प्रदूषण स्तर खतरनाक
फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर है। कई इलाकों में AQI 400 से पार पहुंच चुका है, जो “गंभीर श्रेणी” में आता है। सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टियां बढ़ाई जा चुकी हैं और कई निर्माण कार्यों पर रोक भी लगाई गई है। ऐसे में कृत्रिम बारिश को प्रदूषण घटाने के लिए अंतिम उपाय (last resort) के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या होगी उम्मीदों पर खरा?
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की योजना बनाई गई है, लेकिन मौसम की स्थिति अनुकूल न होने के कारण पहले कई बार इसे टालना पड़ा। इस बार मौसम विभाग का कहना है कि अगर बादलों की घनत्व ठीक रहा, तो शुक्रवार से रविवार के बीच राजधानी में कृत्रिम बारिश हो सकती है।