राष्ट्रीय पनीर दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में हर साल 4 जून को “राष्ट्रीय पनीर दिवस” (National Paneer Day) मनाया जाता है, जो न केवल स्वाद के इस राजा को सम्मान देने का माध्यम है, बल्कि देश की कृषि, डेयरी और खानपान संस्कृति से जुड़े मूल्यों को भी दर्शाता है। यह देश उन किसानों, दुग्ध उत्पादकों और रसोइयों के लिए एक विशेष दिन है, जिन्होंने पनीर को भारतीय थाली का अभिन्न हिस्सा बनाया।
भारत में हर साल 4 जून को राष्ट्रीय पनीर दिवस मनाया जाता है। यह दिन पनीर जैसे लोकप्रिय और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को पनीर की विभिन्न किस्मों, उपयोग और उसके पोषण संबंधी फायदों के बारे में जागरूक करना है।
पनीर सिर्फ एक स्वादिष्ट व्यंजन नहीं, बल्कि भारतीय रसोई का अहम हिस्सा है। यह दिन खासतौर पर पनीर प्रेमियों के लिए होता है, जहां वे इसकी अलग-अलग वैरायटीज़ और रेसिपीज़ को जानने और आज़माने का मौका पाते हैं।
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पनीर दिवस क्यों मनाया जाता है?
स्वदेशी खाद्य परंपरा का सम्मान: पनीर भारतीय व्यंजनों का एक ऐसा हिस्सा है, जो हजारों वर्षों से घर-घर की रसोई में स्थान बनाए हुए है। यह दिन हमें हमारे पारंपरिक खानपान की विविधता और पोषण के प्रति जागरूक करता है।
डेयरी उद्योग का महत्व: भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। पनीर इस उद्योग का प्रमुख उत्पाद है, जो लाखों लोगों को रोजगार देता है।
स्वस्थ आहार का संदेश: पनीर में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स की प्रचुरता होती है। यह शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
लोकल उत्पादों को प्रोत्साहन: यह दिन स्थानीय दुग्ध उत्पादकों और ग्रामीण महिलाओं के श्रम को भी उजागर करता है, जो देशभर में पनीर निर्माण में योगदान देती हैं।
कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय पनीर दिवस?
शैक्षणिक कार्यक्रम: कई स्कूल, कॉलेज और फूड इंस्टिट्यूशन्स में इस दिन के अवसर पर पनीर से जुड़ी प्रतियोगिताएं, क्विज़ और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
सोशल मीडिया पर जागरूकता: #NationalPaneerDay और #PaneerLove जैसे हैशटैग्स के माध्यम से लोग पनीर रेसिपीज़, ज्ञानवर्धक तथ्य और विडियोज़ साझा करते हैं।
विशेष व्यंजन: रेस्तरां, होटल और ऑनलाइन फूड ऐप्स पनीर आधारित डिशेज़ पर खास छूट या नए मेनू लॉन्च करते हैं।
पनीर प्रेमियों का उत्सव: कई परिवारों में इस दिन पनीर की खास डिश बनाकर इसे पारिवारिक त्योहार की तरह मनाया जाता है।

राष्ट्रीय पनीर दिवस का इतिहास:
हालांकि यह दिवस सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से घोषित नहीं है, लेकिन इसे सामाजिक स्तर पर फूड ब्लॉगर, डेयरी उत्पादकों और फूड इंडस्ट्री के विशेषज्ञों द्वारा बढ़ावा दिया गया। भारत में श्वेत क्रांति (White Revolution) के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के योगदान को भी इस दिन याद किया जाता है। धीरे-धीरे यह दिन सोशल मीडिया और फूड कल्चर के माध्यम से एक सांस्कृतिक अभियान बन गया, जिसका उद्देश्य पनीर के पोषण, परंपरा और बाजार महत्व को उजागर करना है।
पनीर का भारतीय समाज में स्थान: पनीर भारतीय शादी, त्योहार और दावतों का अभिन्न हिस्सा है। उत्तर भारत में यह मुख्यत: सब्जी के रूप में प्रसिद्ध है, जैसे पनीर बटर मसाला, शाही पनीर आदि। दक्षिण भारत में भी अब यह तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, खासकर फास्ट फूड और स्नैक्स में। पनीर न केवल एक स्वाद उत्सव है, बल्कि एक पूरी स्वाद की परंपरा है।