G7 में मोदी: भारत की वैश्विक शक्ति का प्रतीक

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PM Modi In G7 Summit

प्रधानमंत्री Narendra Modi ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर भारत की सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। 2025 में आयोजित G7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति न केवल भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि भारत अब विश्व राजनीति और अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

  • G7 (Group of Seven) विश्व की सात सबसे विकसित और औद्योगिक देशों का समूह है – अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा। यह समूह वैश्विक मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास, तकनीक, सुरक्षा, और लोकतंत्र जैसे विषयों पर सहयोग के लिए जाना जाता है। भारत, हालांकि G7 का स्थायी सदस्य नहीं है, फिर भी पिछले कुछ वर्षों से इस मंच पर अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया जा रहा है – जो भारत की कूटनीतिक सफलता का प्रमाण है।
G7 Summit
  • इस वर्ष के सम्मेलन की थीम “Rule of Law, Democracy and Global South” के इर्द-गिर्द थी, और प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन भी इन्हीं विषयों पर केंद्रित रहा। उन्होंने लोकतंत्र की ताकत, समावेशी विकास और विकासशील देशों की समस्याओं को मजबूती से उठाया। मोदी जी ने कहा कि भारत न केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि दुनिया के लिए एक प्रेरणास्रोत भी है, जो विविधता में एकता का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  • Global South मोदी जी ने “ग्लोबल साउथ” यानी विकासशील देशों की चिंताओं पर विशेष बल दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल विभाजन जैसे मुद्दों पर दुनिया को एकजुट होने का संदेश दिया। साथ ही, उन्होंने भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि यह मॉडल दुनिया के दूसरे देशों के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

इस सम्मेलन के दौरान भारत ने यह भी साफ कर दिया कि वह केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि समाधानकर्ता देश है। मोदी जी ने ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ के विचार को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मानवता की भलाई के लिए सहयोग, समावेशन और सह-अस्तित्व जरूरी है।

  • G7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय भागीदारी भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नई ऊंचाइयों पर ले गई है। उन्होंने न केवल भारत की नीतियों को स्पष्ट किया, बल्कि वैश्विक समस्याओं पर भारत के दृष्टिकोण को मजबूती से रखा। आज भारत विश्व मंच पर सिर्फ एक दर्शक नहीं, बल्कि एक निर्णायक भूमिका में है – और मोदी जी का नेतृत्व इस परिवर्तन का एक बड़ा कारण है।

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