केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के मुद्दे पर मायावती ने साफ किया रुख

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Caste census

बीती काफी समय से समूचा विपक्ष एक स्वर में जातिगत जनगणना कराई जाने की बात सड़क से लेकर सदन तक कर रहा था। अब जब भाजपा की सरकार ने जातिगत जनगणना कराये जाने की बात कही है तब से पूरी सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। सपा जहां इस फैसले को पीडीए की जीत बताया था तो वही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि मोदी को आखिर जातिगत जनगणना करवानी ही पड़ी।

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मायावती

केंद्र सरकार के इस फैसले को विपक्ष के तमाम दल अपनी नैतिक जीत बता रहे हैं तो वहीं अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि “काफी लम्बे समय तक ना-ना करने के बाद अब केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना भी कराने के निर्णय का भाजपा व कांग्रेस आदि द्वारा इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़ है। जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित व वंचित है। मायावती ने आगे यह भी लिखा है कि कांग्रेस और बीजेपी की नियत अगर आज बहुजन समाज के प्रति साफ होती तो ओबीसी समाज देश के विकास में आज उचित भागीदार बना होता।

Mayawati Tweet: काफी लम्बे समय तक ना-ना करने के बाद

पहले भी मायावती ने कई बार जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर बड़े मंचों पर अपनी बात रखी है इस बार सरकार ने जब जातिगत जनगणना कराये जाने की बात कही तो मायावती ने एक बार फिर से भाजपा व कांग्रेस की नियत को लेकर सवाल उठाया है मायावती के इस ट्वीट के तमाम सियासी मायने निकाले जा रहे है।

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