Meghalaya की खूबसूरत वादियों में एक हनीमून ट्रिप अचानक एक रहस्यमय हत्या में बदल जाएगी, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था। यह कहानी है इंदौर के नवविवाहित जोड़े, Raja Raghuvanshi (29) और उसकी पत्नी Sonam Raghuvanshi (25) की, जो 20 मई 2025 को हनीमून पर मेघालय पहुंचे थे। लेकिन 23 मई की सुबह के बाद से दोनों लापता हो गए।
हनीमून से गायब
Raja और Sonam ने नोंग्रियाट गांव में एक होमस्टे में ठहराव किया था। 23 मई की सुबह, उन्होंने वहां से चेकआउट किया और स्कूटर लेकर निकल पड़े। लेकिन उसी शाम उनकी स्कूटर एक पहाड़ी रास्ते के पास लावारिस मिली जिसमें Sonam की जैकेट और कुछ जरूरी सामान मौजूद थे, लेकिन दोनों कहीं नजर नहीं आए।
राजा की लाश और चौंकाने वाले सुराग
लगभग 10 दिन की तलाशी के बाद, 2 जून को Raja की लाश एक गहरी खाई में मिली। NDRF की टीम ने ड्रोन्स की मदद से शव को ढूंढ निकाला। शव पर कई धारदार हथियार के निशान थे, जिससे अंदाजा लगाया गया कि Raja की हत्या की गई थी।
चश्मदीद की गवाही और शक की सुई
एक स्थानीय गाइड अल्बर्ट पी.डी. ने खुलासा किया कि उसने 23 मई को Raja और Sonam को तीन अनजान हिंदी बोलने वाले लोगों के साथ जाते देखा था। वह खुद पहले दिन उन्हें गाइड करने की कोशिश कर चुका था, लेकिन दोनों ने मना कर दिया था। इसके अलावा, एक लाल रंग की कार भी संदेह के घेरे में आई है, जिसे सीसीटीवी फुटेज में कपल का पीछा करते देखा गया।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
Meghalaya पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT (विशेष जांच दल) का गठन किया। जांच में मिले सुरागों के आधार पर पुलिस ने 9 जून को तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो इंदौर से और एक उत्तर प्रदेश से हैं। इन पर Raja की हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है।

सोनम का आत्मसमर्पण
9 जून को Sonam Raghuvanshi खुद उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के मुताबिक, सोनम ने खुद अपने पति की हत्या के लिए सुपारी दी थी। हालांकि, इस बयान की पुष्टि अदालत में होनी बाकी है।
परिवार का विरोध और CBI जांच की मांग
Sonam के पिता देवी सिंह ने पुलिस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनकी बेटी निर्दोष है और वह खुद अपनी मर्जी से सामने आई है। उन्होंने कहा कि मेघालय पुलिस एकपक्षीय जांच कर रही है और मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए CBI जांच की मांग की है।
Raja के परिवार की ओर से भी यही मांग उठी है कि एक निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए, ताकि इस जघन्य अपराध के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
Sonam Raghuvanshi केस अब सिर्फ एक हत्या की जांच नहीं है, बल्कि यह कानून, रिश्तों और विश्वास के बीच की जटिल लड़ाई बन चुकी है। पुलिस की थ्योरी और परिवारों की दलीलों के बीच सच्चाई कहां है – यह आने वाले दिनों में जांच और अदालत की प्रक्रिया से ही सामने आएगा।