Mahatma Gandhi’s birth anniversary: पीएम मोदी ने राजघाट जाकर दी श्रद्धांजलि,देशभर में कार्यक्रम आयोजित

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राष्ट्रपिता को पूरे देश ने किया नमन
राष्ट्रपिता को पूरे देश ने किया नमन

नई दिल्ली। महात्मा गांधी की 156वीं जयंती के अवसर पर पूरा देश राष्ट्रपिता को याद कर रहा है। आजादी के आंदोलन के प्रणेता और सत्य-अहिंसा के मार्गदर्शक महात्मा गांधी की जयंती पर देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने बुधवार को राजघाट पहुंचकर बापू को नमन किया।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह-सुबह राजघाट पहुंचे और बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित किए। पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “सभी देशवासियों की ओर से पूज्य बापू को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। सत्य, सद्भाव और समानता पर आधारित उनका जीवन और आदर्श देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणापुंज बना रहेगा।” गांधी जी के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गांधीजी का जीवन हमें सत्य, अहिंसा और भाईचारे का संदेश देता है। उनके विचार आज भी समाज को जोड़ने की प्रेरणा देते हैं।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी किया नमन

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बुधवार सुबह राजघाट पहुंचे। उन्होंने महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी ने कहा कि गांधीजी के आदर्श हमेशा लोकतंत्र और इंसानियत की रक्षा करने में मदद करेंगे।

अन्य नेताओं ने भी दी श्रद्धांजलि

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई वरिष्ठ नेता भी राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता को नमन किया। देश के विभिन्न हिस्सों में भी गांधी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों में गांधीजी के विचारों पर भाषण और संगोष्ठियां हो रही हैं।

गांधीजी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक

महात्मा गांधी का जीवन सत्य, अहिंसा और सेवा का पर्याय माना जाता है। उन्होंने बिना हथियार के आजादी का सबसे बड़ा आंदोलन चलाया और पूरी दुनिया को दिखाया कि सत्य और अहिंसा से भी बड़े से बड़ा बदलाव संभव है। यही कारण है कि आज भी गांधीजी के विचार न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रासंगिक बने हुए हैं।

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