लखनऊ। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि माघ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान किसी भी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू न किया जाए। इस संबंध में समय रहते आवश्यक सूचना सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी श्रद्धालुओं को समान सुविधा मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि माघ मेले से जुड़े सभी विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी तथा अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) स्वयं मेला क्षेत्र का भ्रमण कर तैयारियों की समीक्षा करें और 31 दिसंबर तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संगम पर कल्पवास, स्नान और साधना की परंपरा भारतीय सांस्कृतिक चेतना की आत्मा है। इस वर्ष 15 से 25 लाख श्रद्धालु केवल कल्पवासी होंगे। महाकुंभ के सुव्यवस्थित आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को लेकर देश-दुनिया में विशेष उत्साह है। यह आयोजन समाज को संयम, समरसता और सेवा का संदेश देता है, इसलिए व्यवस्थाओं में आध्यात्मिक गरिमा बनी रहनी चाहिए, लेकिन किसी भी स्तर पर अव्यवस्था या असुविधा स्वीकार्य नहीं होगी।
बैठक में मंडलायुक्त प्रयागराज ने जानकारी दी कि माघ मेला-2026 का आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक कुल 44 दिनों तक होगा। इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे। पूरे मेला काल में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जबकि मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख पर्व पर एक ही दिन में साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम स्नान की संभावना को देखते हुए व्यवस्थाएं उसी अनुरूप की जा रही हैं।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मेला क्षेत्र का विस्तार बढ़ाकर लगभग 800 हेक्टेयर कर दिया गया है। सेक्टरों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 कर दी गई है। स्नान घाटों की कुल लंबाई में पिछले माघ मेले की तुलना में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसके साथ ही 42 पार्किंग स्थल, 9 पांटून पुल, बेहतर आंतरिक सड़क व्यवस्था और सुगम आवागमन के लिए विस्तृत कार्ययोजना अंतिम चरण में है।
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री ने आधुनिक तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट के लिए बहुस्तरीय और ठोस योजना लागू करने के निर्देश दिए तथा अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। पुलिस आयुक्त प्रयागराज कमिश्नरेट ने बताया कि मेला अवधि के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। लगभग 450 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 250 कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात रहेंगी।
मेला क्षेत्र में एआई आधारित सर्विलांस और क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों के व्यवहार को श्रद्धालु-संवेदनशील बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। एनएसएस स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेट्स की सहभागिता, नाविकों के साथ बेहतर समन्वय और खान-पान व अन्य सेवाओं के शुल्क नियंत्रण पर भी विशेष जोर दिया गया।
नवाचारों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला-2026 सुविधाओं और तकनीक के लिहाज से नया मानक स्थापित करे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऐप आधारित बाइक टैक्सी सेवा, दिशा सूचक संकेतों का विस्तार, विद्युत पोलों पर क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली, निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए रिंग मेन यूनिट, कटाव रोकने के लिए जियो-ट्यूब तकनीक और पूर्वनिर्मित सीवेज शोधन संयंत्र जैसी व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं।
स्वच्छता को लेकर मुख्यमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती से प्रतिबंध लागू करने के निर्देश दिए। मेला क्षेत्र में 16,650 शौचालयों की स्थापना की जा रही है, जिनमें महिलाओं के लिए पृथक और पर्याप्त सुविधाएं शामिल हैं। करीब 3300 सफाई मित्रों की 24 घंटे तैनाती होगी। उनके लिए सैनीटेशन कॉलोनी, बच्चों के लिए आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वच्छताकर्मियों का मानदेय हर हाल में 15 दिनों के भीतर भुगतान किया जाए।
नगर विकास विभाग को मेला क्षेत्र में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गंगा-यमुना की पवित्रता बनी रहे। स्वास्थ्य सेवाओं के तहत मेला क्षेत्र में 20-20 बेड के दो अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एंबुलेंस और आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।
नदी और बाढ़ प्रबंधन के लिए नदी प्रशिक्षण, अस्थायी तटबंध, जेट्टी निर्माण, नालों की सफाई और जलस्तर की निरंतर निगरानी की जा रही है। जेट्टी निर्माण का कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री ने नियमित गश्त, प्रभावी मॉक ड्रिल और अग्निशमन दस्तों को आधुनिक उपकरणों से लैस रखने के निर्देश दिए।
पर्यटन और संस्कृति विभाग के माध्यम से माघ मेले के दौरान लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला तथा प्रदेश की समृद्ध कला-संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम और प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। साथ ही 19वीं और 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक माघ मेला आयोजनों से जुड़े लोक अभिलेखों और सनातन परंपरा से संबंधित दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करें, ताकि माघ मेला-2026 आस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन का संतुलित और प्रभावी उदाहरण बन सके।



