लखनऊ: आशा वर्कर्स का जोरदार प्रदर्शन, चारबाग से विधानसभा मार्च रोकने पर पुलिस से भिड़ंत

उत्तर प्रदेश की राजधानी में आशा कार्यकर्ताओं का आक्रोश सड़कों पर उतर आया।75 जिलों से हजारों आशा वर्कर्स चारबाग रेलवे स्टेशन पर जुटकर विधानसभा की ओर पैदल मार्च करने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन पुलिस ने चार थानों की फोर्स लगाकर बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया। इससे मौके पर काफी देर तक हंगामा और धक्का-मुक्की हुई। ठंड की कड़ाके के बावजूद कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की और धरने पर बैठ गईं।

प्रदर्शन की मुख्य वजह

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन से जुड़ी ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU) के बैनर तले यह प्रदर्शन आयोजित किया गया। आशा बहनें लंबे समय से अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्षरत हैं, जिनमें मुख्य रूप से मानदेय में भारी बढ़ोतरी, नियमितीकरण और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए:

  • “2 हजार में दम नहीं, 20 हजार से कम नहीं”
  • “नहीं डरेंगे घुड़की से, खींच लेंगे कुर्सी से”

आशा वर्कर्स का कहना है कि विभाग और सरकार उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रही है, जबकि वे स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं।

पुलिस की सख्ती और मौजूदा स्थिति

विधानसभा सत्र के दौरान किसी बड़े प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस पहले से अलर्ट थी। जैसे ही आशा वर्कर्स स्टेशन से बाहर निकलने की कोशिश करने लगीं, चारों ओर से बैरिकेड्स लगा दिए गए। इससे कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई, लेकिन स्थिति नियंत्रण में रही।

फिलहाल सभी आशा वर्कर्स चारबाग रेलवे स्टेशन परिसर में ही धरने पर बैठी हैं और नारेबाजी जारी रखे हुई हैं। उनका इरादा मांगें पूरी होने तक पीछे नहीं हटने का है।

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