हवाई यात्रा आज के युग में बेहद आम हो चुकी है, लेकिन जब किसी विमान दुर्घटना की खबर आती है, तो एक शब्द बार-बार सुनने को मिलता है– Black Box, किसी भी विमान की आत्मा माना जाता है Black Box, जो किसी भी दुर्घटना के बाद उसके कारणों को उजागर करने में मदद करता है।
क्या होता है Black Box?
Black Box असल में दो प्रमुख हिस्सों से मिलकर बना होता है:
Cockpit Voice Recorder (CVR)
Flight Data Recorder (FDR)
Cockpit Voice Recorder पायलटों की बातचीत, कॉकपिट के अंदर के अलर्ट्स और किसी भी तरह की आवाज़ को रिकॉर्ड करता है। वहीं, Flight Data Recorder विमान की उड़ान से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारियाँ जैसे गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन की स्थिति, तापमान, दबाव आदि को रिकॉर्ड करता है।

नाम Black Box, पर रंग नारंगी क्यों?
आमतौर पर “Black Box” नाम सुनकर लगता है कि यह काला रंग का होगा, लेकिन असल में यह चमकीले नारंगी रंग का होता है। इसका कारण यह है कि दुर्घटना के बाद मलबे में इसे आसानी से खोजा जा सके। इसमें एक Locator Beacon भी लगा होता है, जो पानी के अंदर भी 30 दिन तक सिग्नल भेजता रहता है। Black Box को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाता है कि यह दुर्घटना की सबसे भयानक परिस्थितियों में भी सुरक्षित रह सके। यह 1100°C तक की गर्मी सह सकता है, समुद्र की गहराई में 30 दिन तक सिग्नल भेज सकता है, अत्यधिक दबाव और टक्कर को झेलने में सक्षम होता है।
हादसों की जाँच में Black Box का महत्त्व
जब भी कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो सबसे पहले बचाव दल Black Box को खोजने की कोशिश करता है। क्योंकि यही एकमात्र स्रोत होता है जिससे पता चल सकता है कि आखिरी क्षणों में विमान के साथ क्या हुआ। Black Box सिर्फ एक उपकरण नहीं, बल्कि एक “गवाह” है, जो बिना बोले सारी सच्चाई बयान कर देता है।
दुर्घटना के बाद जांच में मददगार
जब कोई विमान दुर्घटना का शिकार होता है, तो Black Box की रिकॉर्डिंग को विशेष तकनीक से डिकोड किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि दुर्घटना के समय विमान में क्या हो रहा था, पायलटों की क्या बातचीत चल रही थी, और कौन-कौन सी चेतावनियाँ सक्रिय थीं।