देश के पश्चिमी राज्य गुजरात में गुरुवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर राज्य सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को नई कैबिनेट का गठन होगा और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस नई कैबिनेट में दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं और कुल 26 मंत्री शामिल किए जाने की संभावना है।
भूपेंद्र पटेल सितंबर 2021 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब तत्कालीन सीएम विजय रूपाणी ने अचानक पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद भी पटेल को दोबारा मुख्यमंत्री बनाया गया। अब उनके नेतृत्व में यह दूसरी बार मंत्रिमंडल का गठन होगा। माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में दो से तीन पुराने चेहरों की भी वापसी हो सकती है।
भूपेंद्र कैबिनेट का खराब फीडबैक
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस फेरबदल की वजह भूपेंद्र कैबिनेट का खराब फीडबैक है। पार्टी हाईकमान को मंत्रियों के कामकाज और जनता से जुड़ाव पर असंतोष था। हाल ही में हुए विसावदर उपचुनाव में भाजपा को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गोपाल इटालिया से हार का सामना करना पड़ा, जिससे यह संकेत मिला कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर बढ़ रही है।
ऐसे में भाजपा ने 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले ही नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी अब ऐसे नेताओं को मौका देने की तैयारी में है जो संगठन में प्रभावशाली हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से हाशिए पर चले गए थे।
भाजपा की अग्निपरीक्षा
राज्य में आने वाले महीनों में कई अहम चुनाव होने वाले हैं। नगर निगम और निकाय चुनाव दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में होंगे। इन चुनावों को भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है, क्योंकि यही नतीजे आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेंगे।
संगठन और जनता पर विश्वास
भूपेंद्र पटेल की नई टीम को अब संगठन और जनता दोनों का विश्वास जीतने की चुनौती होगी। पार्टी उम्मीद कर रही है कि नई कैबिनेट से सरकार में नई ऊर्जा आएगी और आगामी चुनावों में भाजपा का जनाधार और मजबूत होगा।