यूपी की राजनीति में भूचाल, जब भिड़े राजभर और राजपूत

0
17
Rajbhar और Rajput की लड़ाई में फंस गई BJP!

पूर्वांचल की राजनीति में एक बार फिर जातीय समीकरणों की लपटें उठ रही हैं, एक छोटी सी ज़मीनी कहासुनी ने अब सियासी रंग ले लिया है जहां आमने-सामने हैं राजभर और राजपूत समुदाय और बीच में फंसी है उत्तर प्रदेश की सत्ता की साख जिले का एक छोटा सा गांव एक मामूली विवाद लेकिन चिंगारी ऐसी भड़की कि अब पूरे पूर्वांचल की फिजा गर्म है।

एक ओर बीजेपी से जुड़े क्षत्रिय नेता संजय सिंह, और दूसरी ओर राजभर समुदाय के भोला राजभर जिनके समर्थन में अब सुभासपा और सपा दोनों कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। विवाद जब बढ़ा, तो क्षत्रिय संगठनों ने मोर्चा संभाला और करणी सेना ने खुला समर्थन दिया संजय सिंह को वहीं, सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने खुद मौके पर पहुंचकर एफआईआर दर्ज करवाई, लेकिन इसी कार्रवाई को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने सवाल उठाए कि सिर्फ एक पक्ष की बात सुनी जा रही है, आरोप यह भी लगा कि अनिल राजभर के प्रभाव में पुलिस ने पक्षपात किया, विरोध के तीन दिन बाद जाकर संजय सिंह पक्ष की एफआईआर दर्ज हुई करणी सेना ने 15 जुलाई को ‘छितौना कूच’ की चेतावनी दी, तो प्रशासन की नींद टूटी, वाराणसी में जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर ने दोनों पक्षों को बैठाकर बात की और किसी बड़े टकराव से पहले हालात को संभालने की कोशिश की गई। कुछ नेताओं को एहतियातन नजरबंद किया गया और प्रदर्शन स्थगित हो गया

लेकिन सवाल अब भी ज़िंदा हैं क्या ये बस एक जातीय विवाद है, या इसके पीछे है राजनीतिक बिसात?पूर्वांचल की ये घटना अब महज़ एक एफआईआर की लड़ाई नहीं है ये अब उस बड़े जातीय समीकरण का हिस्सा बन चुकी है जो 2027 की राजनीति को दिशा देगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here