दुनिया के नक्शे पर जब-जब युद्ध के बादल मंडराए, कुछ नेता ऐसे भी थे जिन्होंने खुद को शांति का दूत घोषित कर दिया, अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump इन्हीं में से एक हैं।” ट्रंप का दावा है कि उन्होंने दुनियाभर में कई मोर्चों पर चली जंगों को रुकवाने में अहम भूमिका निभाई है।
इस बीच पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक रूप से ट्रंप का नाम 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया है, उनका दावा है कि 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को ट्रंप के हस्तक्षेप ने टाल दिया, दोनों देशों के बीच संघर्षविराम लागू हुआ और युद्ध की आशंका टल गई, पाकिस्तान ने इसे ट्रंप की ‘निर्णायक कूटनीति’ का नतीजा बताया।

हालांकि, ट्रंप का दावा है कि उन्होंने अफ्रीका से लेकर बाल्कन तक शांति के बीज बोए हैं। लेकिन उन्हें लगता है कि यह सब भी नोबेल समिति के लिए काफी नहीं, अफ्रीका के लिए यह एक बेहतरीन दिन था, लेकिन शांति का नोबेल? मुझे नहीं मिलेगा, उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने के लिए भी मुझे नोबल नहीं मिलेगा। सर्बिया और कोसोवा के बीच युद्ध रुकवाने के लिए भी मुझे शांति का नोबल नहीं मिलेगा। मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बहाली के लिए भी नोबल नहीं मिलेगा।