वृंदावन में 500 करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को लेकर स्थानीय विरोध जारी है जिसको लेकर योगी सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने बड़ी बैठक की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बांके बिहारी मंदिर के आसपास तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक विशाल “बांके बिहारी कॉरिडोर” का प्लान तैयार किया है। इस परियोजना का उद्देश्य श्रद्धालुओं को मंदिर दर्शन के लिए सुगम और सुरक्षित मार्ग देना है, साथ ही ट्रैफिक और भीड़ को व्यवस्थित करना है।

स्थानीयों का विरोध: “परंपरा से छेड़छाड़ नहीं चाहिए“
मंदिर से जुड़े गोस्वामी समुदाय और स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि हमें श्रद्धालुओं की सुविधा से कोई ऐतराज नहीं, लेकिन परियोजना के नाम पर हमारी परंपरागत विरासत, दुकानें और निवास क्षेत्र नष्ट ना हों। लोगों का दावा है कि उन्हें उन्हें इस फैसले में शामिल नहीं किया गया और कई लोगों को संभावित विस्थापन का डर सता रहा है।
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सरकार की पहल: अवनीश अवस्थी ने की सीधी बातचीत
सीएम योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने हाल ही में वृंदावन में गोस्वामी समाज, स्थानीय व्यापारियों, और नागरिक प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया।
उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी की आजीविका और परंपरा से समझौता नहीं किया जाएगा ,सभी पक्षों की सहमति के साथ योजना को आगे बढ़ाया जाएगा,प्रशासन द्वारा पुनः सर्वेक्षण और सुझाव आमंत्रण किया जाएगा
500 करोड़ की लागत, 5 एकड़ से ज्यादा भूमि पर प्रस्तावित
कॉरिडोर परियोजना की अनुमानित लागत लगभग ₹500 करोड़ बताई जा रही है। यह परियोजना 5 एकड़ से अधिक भूमि पर फैली होगी, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए प्रतीक्षालय, चिकित्सा सुविधा, जल व्यवस्था, सुरक्षा, और वॉशरूम जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं प्रस्तावित हैं। इससे दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भरपूर सुविधायें मिल सकेंगी।
राजनीतिक नजरिया भी हुआ सक्रिय
इस मुद्दे को लेकर कुछ विपक्षी दलों ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती और कुछ क्षेत्रीय नेताओं ने इसे ‘जनभावनाओं की अनदेखी’ बताया, वहीं बीजेपी के स्थानीय विधायक परियोजना के पक्ष में खड़े हैं।
प्रशासन का दावा है कि जून के अंत तक एक नया प्रस्ताव सार्वजनिक किया जाएगा, जिसमें स्थानीय लोगों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की जाएगी।
Author- Priyanshi Srivastava