चित्र : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर अपना फैसला सुनाया जिसमें कहा गया था कि गिरफ्तारी व ईडी रिमांड को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने माना है कि शराब घोटाले की साजिश दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने रची थी। हाई कोर्ट ने राघव मगुंटा और उनके पिता द्वारा बीजेपी को रूपए देने के दावे पर भी बड़ी बात कही।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ईडी द्वारा इकट्ठा की गई सामग्री से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने साजिश रची थी। केजरीवाल अपराध की आय के उपयोग और छिपाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ईडी के मामले से यह भी पता चलता है कि वह निजी तौर पर आम आदमी पार्टी के संयोजक के तौर पर भी शामिल थे।
अदालत ने कहा कि सरकारी गवाह संबंधी कानून एक साल से नहीं बल्कि 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। यह नहीं कहा जा सकता कि इसे वर्तमान याचिकाकर्ता (केजरीवाल) को फंसाने के लिए बनाया गया था। साथ ही हाई कोर्ट ने दस्तावेज की आपूर्ति नहीं करने के बिंदु पर कहा कि केजरीवाल कानून के मुताबिक दस्तावेज पाने के हकदार होंगे।
इसके अलावा राघव मगुंटा और उनके पिता द्वारा बीजेपी को रूपए देने के दावे पर, अदालत ने कहा कि कौन किसे चुनाव लड़ने के लिए टिकट देता है या कौन किसे चुनावी बांड देता है, यह देखना इस अदालत का काम नहीं है।
‘आप’ प्रमुख ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है और उन्होंने ईडी की हिरासत को भी चुनौती दी है। बाद में उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और अब वे तिहाड़ जेल में हैं।
बता दें कि 3 अप्रैल को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने अपनी गिरफ़्तारी के ‘समय’ पर सवाल उठाया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी गिरफ़्तारी संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है क्योंकि इससे आगामी लोकसभा चुनावों में समान अवसर मिलने में बाधा उत्पन्न होगी।
ईडी, जिसने कथित घोटाले में केजरीवाल को सरगना कहा है, ने उनकी याचिका का विरोध किया और कहा कि कानून उन पर और आम आदमी पर समान रूप से लागू होता है। ईडी ने दलील दी थी कि अगर आम आदमी ने कोई अपराध किया है तो उसे सलाखों के पीछे जाना होगा, लेकिन चूंकि आप मुख्यमंत्री हैं, इसलिए आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता? आप देश को लूटेंगे, लेकिन चुनाव आने वाले हैं, इसलिए कोई आपको छू नहीं सकता? आप कहते हैं कि आपकी गिरफ्तारी से बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होगा? यह किस तरह का बुनियादी ढांचा है?
बता दें कि 21 मार्च को केंद्रीय एजेंसी ने श्री केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लिया था, जब उच्च न्यायालय ने उन्हें बलपूर्वक कार्रवाई से संरक्षण देने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण विपक्षी खेमे में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। 1 अप्रैल को उन्हें 11 दिनों की ईडी हिरासत के बाद दो सप्ताह के लिए जेल भेज दिया गया था।